Warning: Constant WP_MEMORY_LIMIT already defined in /www/wwwroot/sabguru/sabguru.com/18-22/wp-config.php on line 46
70th Republic Day: RSS chief Mohan Bhagwat hoists Tricolour in Kanpur-मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत का प्रतीक है राष्ट्रध्वज : भागवत - Sabguru News
होम Headlines मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत का प्रतीक है राष्ट्रध्वज : भागवत

मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत का प्रतीक है राष्ट्रध्वज : भागवत

0
मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत का प्रतीक है राष्ट्रध्वज : भागवत

कानपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डा. मोहन मधुकर राव भागवत ने कहा कि मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत का प्रतीक तिरंगा देश के प्रत्येक नागरिक को संदेश देता है कि वर्षों की गुलामी के बाद मिली आजादी के मायने सिर्फ राजनीतिक ही नहीं बल्कि आर्थिक और सामाजिक भी है।

औद्योगिक नगरी कानपुर के दौरे पर आए डा भागवत ने 70वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर पनकी में एक शैक्षणिक संस्थान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस मौके पर उन्होंने विद्यालय के आचार्य एवं छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्रध्वज स्फूर्ति एवं प्रेरणा का प्रतीक है। इसके मध्य का चक्र धर्म चक्र है धर्म का मायने सिर्फ पूजा पद्धति नहीं है, पूजा धर्म का एक भाग हो सकता है। धर्म सबको जोड़ता है और सर्वसमाज की भौतिक एवं मानसिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है और सर्वमंगलकारी समाज की धारणा करता है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रध्वज के शीर्ष पर स्थापित भगवा रंग त्याग, सतत कर्म का संदेश देता है। यह हमारी प्रकृति है भगवा रंग का हम वंदन करते हैं। ध्वज के मध्य भाग का श्वेत रंग सर्वशान्ति, शान्त मानवता और तन-मन की पवित्रता जो हमारे देश में सनातन काल से चली आ रही है का प्रतीक है। हरा रंग लक्ष्मी जी का रंग है जो कि समृद्धि का प्रतीक है। मन बुद्धि की समृद्धि के साथ क्रोध, तृष्णा, मदमत्सर के त्याग का भी संदेश देता है। इन सबको हम अलक्ष्मी मानते हैं। हम किसी के अशुभ की कामना नहीं करते हैं। सबके सुख की कामना करते है।

सर संघ संचालक ने कहा कि ’सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद दुःख भागभवेत्’ हमारा ध्येय है। शान्ति और सद्गुणों को समाप्त करने के लिए राष्ट्र विरोधी शक्तियाँ अनेक प्रकार के कुप्रयास कर रही हैं। सम्पूर्ण विश्व इनसे पीड़ित है। विश्व जानता भी है कि इन शक्तियों को पराजित करने की क्षमता भारत में है। भविष्य में हम जन-जन के जीवन को श्रेष्ठ बनाकर भारत को विश्वगुरू रूप में स्थापित कर सम्पूर्ण भारत को श्रेष्ठ बनाने का संकल्प आज के दिन लेते हैं।

उन्होंने कहा कि हमें गणराज्य दिवस का विस्मरण कभी नहीं होगा। शतकों की गुलामी के बाद हमने स्वतन्त्रता पायी, केवल मात्र राजनैतिक स्वतन्त्रता ही नहीं अपितु सामाजिक, आर्थिक स्वतन्त्रता के लक्ष्य के रूप में गणराज्य दिवस मनाते हैं। आज के दिन अबला नारी एवं वृद्ध बिना किसी आवाहन के स्वस्फूर्त भाव से आनन्दित होते हैं।

आज के दिन हम स्मरण करते हैं कि हमको एक होना है इसलिए नहीं कि हम अनेक हैं हम सदा से ही एक रहे हैं। भारत माता के हमसब पुत्र हैं समान पूर्वजों की संतति हैं। बाह्य विविधता हमारी सनातन एकता की अभिव्यक्ति मात्र है। जाति, जन्म, पूजा भेद से ऊपर हम सब भाई-बहन हैं। हमारा राष्ट्रध्वज हमारा मार्गदर्शक एवं प्रेरणास्रोत है।