जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि गणतंत्र दिवस के इस पावन पर्व पर हमें देश के संविधान की रक्षा एवं लोकतंत्र को मजबूती प्रदान करने के लिए सभी को मिलकर कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए।
गहलोत आज गणतंत्र दिवस पर बड़ी चौपड़ पर झण्डारोहण के बाद अपने सम्बोधन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज देश में तनाव एवं अविश्वास के माहौल के मद्देनजर हमें महात्मा गांधी के बताए सत्य एवं अहिंसा के मार्ग पर चलने की आवश्यकता है।
गहलोत ने प्रदेशवासियों को गणतंत्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि आज के दिन हम उन ज्ञात-अज्ञात सेनानियों को याद करें, जिन्होंने इस मुल्क को आजाद कराने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। गांधीजी की रहनुमाई में पण्डित जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, बाल गंगाधर तिलक एवं गोपाल कृष्ण गौखले सहित कई महापुरूषों ने आजादी की इस लड़ाई में अमूल्य योगदान दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने हमें एक मजबूत संविधान दिया है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि आज देश में तनाव एवं अविश्वास का माहौल है। यहां सैकड़ों धर्म, जातियों एवं वर्गों के लोग रहते हैं। इन सभी को साथ लेकर अनेकता में एकता वाले इस मुल्क को एक व अखण्ड रखना है।
गहलोत ने कहा कि आजादी के बाद हमारे देश ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, उद्योग एवं कृषि सहित हर क्षेत्र में तरक्की की है लेकिन 70 सालों की उन उपलब्धियों को आज नकारने के प्रयास हो रहे हैं। हमें लोकतंत्र में विश्वास रखते हुए ऎसी ताकतों को कामयाब नहीं होने देना है।
पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी एवं राजीव गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह ने शहादत देकर भी देश को तोड़ने वाली ताकतों को कामयाब नहीं होने दिया। आज हमें इसी भावना के साथ लोकतंत्र के समक्ष मौजूद चुनौतियों का सामना करते हुए आगे बढ़ना है।
गहलोत ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के लम्बे दौर का राज्य सरकार ने हर वर्ग को साथ लेकर सफलतापूर्वक सामना किया है। हमारे कुशल प्रबंधन की देश और दुनिया में तारीफ हुई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशील, पारदर्शी और जवाबदेह सुशासन देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। हमारा प्रयास है कि प्रदेशवासियों को गुड गवर्नेंस मिले, रोजगार के अधिक से अधिक अवसर पैदा हों और राजस्थान उन्नति के शिखर पर पहुंचे।