अजमेर। स्वतंत्रता दिवस के अमृत महोत्सव के अवसर पर भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच तथा इतिहास संकलन समिति के कार्यकर्ताओं ने अनूठी पहल करते हुए रविवार को सम्राट पृथ्वीराज चौहान की नगरी अजमेर के सबसे उच्चतम स्थान गढ़ बिठली यानी तारागढ पर तिरंगा फहराया।
सुबह करीब 10 बजे एकत्र हुई कार्यकर्ताओं तथा गणमान्यजनों की टोली सुभाष नगर से रवाना हुई। रास्ते में भारत माता की जय तथा शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों को याद करते हुए लगाए गए नारों से समूचा तारागढ़ क्षेत्र गूंज उठा।
ऐतिहासिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यटक दृष्टि से महत्वपूर्ण तारागढ़ किले में स्थित रेलवे के रेस्ट हाउस पर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश की आन, बान और शान का प्रतीक तिरंगा फहराया तथा भारत माता को नमन किया।
भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ता तरुण वर्मा ने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव गढ़ बिठली यानी तारागढ किले पर जोर शोर से मनाने का निर्णय किया था। बडी संख्या में आमजन भी इस कार्यक्रम में शरीक हुए। चौहान वंश की 40वीं पीढ़ी के वंशज योगेंद्र पाल सिंह चौहान ने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर अजमेर की सबसे उंची पहाडी पर स्थित तारागढ में तिरंगा फहराया।
झंडारोहण के दौरान तारागढ़ क्षेत्र के वाशिंदें तथा घूमने आए पर्यटक भी खिंचे चले आए और भारत माता के जय कारे लगाकर देश भक्ति के रंग में रंग गए। कार्यक्रम के दौरान इतिहास संकलन समिति की ओर से तारागढ़ किले से जुडी ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी परस्पर साझा की।
तारागढ किले के अंदर 16 बावडियां हैं। सभी बावडियों में वर्षा जल का संचय होता था। अजमेर शहर तथा किले के भीतर रहने वाले लोगों की जल संबंधी जरूरत इन बावडिया से पूरी होती थी। यह ऐतिहासिक किला आज भी सामाजिक और सांस्कृतिक विरासत को समेटे हुए है।
कार्यक्रम में पूर्व पार्षद दुर्गा प्रसाद शर्मा, सत्यनारायण दगदी, लोकेश सैनी, राजेश पोसवाल, छगन भाई पटेल, टेकचंद, भगवान सहाय, कैलाश चंद्र, जोगेंद्र सेन, सुंदर, दयाराम, दौलतराम, महेंद्र जाट सहित भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच, इतिहास संकलन समिति से जुडे गणमान्यजन उपस्थित रहे।