अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती का 806वां सालाना उर्स की शुरुआत रविवार को चांद नहीं दिखने के कारण अब सोमवार रात में होगी।
चांद नहीं दिखने के कारण दरगाह कमेटी के अधीन काम करने वाली हिलाल कमेटी की बैठक में यह निर्णय लिया गया। रात नौ बजे तक कहीं से भी चांद दिखाई देने के समाचार नहीं मिलने पर हिलाल कमेटी ने सोमवार रात को चांद रात मानते हुए सालाना उर्स की शुरुआत रात के बाद करने की घोषणा की।
हिलाल कमेटी के सदर शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने बताया कि चांद दिखने की कहीं से कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई है, इसलिए सोमवार रात को चांद रात मानी जाएगी। उसके बाद से रात में ही उर्स की रस्में प्रारंभ हो जाएगी। अब वर्तमान उर्स में कुल की रस्म 25 मार्च को होकर उर्स का विधिवत समापन होगा।
उल्लेखनीय है कि गत चौदह मार्च को उर्स की अनौपचारिक शुरुआत हो गई थी और इस दौरान जायरीन के आने का सिलसिला बढ़ जाने से दरगाह में रौनक बढ़ गई।