अजमेर। राजस्थान के अजमेर में स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में ख्वाजा के 809वें उर्स के अवसर पर गुरुवार को बसंत के फूलों का गुलदस्ता पेश किया जाएगा।
उर्स के दौरान दरगाह में कोरोना गाइडलाइन की पालना के साथ यह गुलदस्ता बहुत ही सादगी के साथ पेश किया जाएगा। ख्वाजा साहब की दरगाह शाही चौकी के कव्वाल असरार हुसैन परंपरागत तरीके से बसंत पेश करेंगे। बसंत पेश करने से पहले दरगाह के निजाम गेट पर गरीब नवाज की शान में बसंती कलाम भी पेश किए जाएंगे। बसंत के फूल पेश करने के दौरान किसी की सदारत नहीं होगी।
शाही कव्वाल हुसैन ने बताया कि यह उनका निजी एवं कौमी एकता से जुड़ा कार्यक्रम है जो बसंत पंचमी के अवसर पर दरगाह में पेश किया जाता है। उन्होंने बताया कि ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती को पीले केसरिया बसंती फूलों से बेहद लगाव था।
यही कारण है कि हुसैनी रंग में रंगा बसंत पेश किए जाने का काम विभाजन के पहले से ही दरगाह शरीफ में होता आ रहा है। उनके दादा एवं पिता यह रस्म निभाते आए हैं और वर्तमान में वह स्वयं हर साल ख्वाजा गरीब नवाज के यहां हाजिरी लगाकर बड़ी शानौ शौकत के साथ शाही कव्वाली के बीच बसंत पेश करते हैं।