अजमेर। राजस्थान के अजमेर में विश्व प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती के 809वें सालाना उर्स की अन्तिम धार्मिक रस्म सोमवार को अदा की जाएगी और इसके साथ ही उर्स का विधिवत समापन हो जाएगा।
अजमेर दरगाह शरीफ में सोमवार सुबह बड़े कुल की धार्मिक रस्म खुद्दाम-ए-ख्वाजा की ओर से निभाई जाएगी। इस दौरान आस्ताने शरीफ की आंतरिक दीवारों को गुलाब-केवड़ा जल से धोया जाएगा और इत्र का छिड़काव किया जाएगा। साथ ही मुल्क के लिए अमनो अमान एवं खुशहाली की दुआ की जाएगी। इसके बाद अंजुमन की ओर से उर्स समापन की घोषणा की जाएगी।
बड़े कुल की धार्मिक रस्म में शिरकत करने के लिए बड़ी संख्या में जायरीनों का अजमेर पहुंचना आस्ताने शरीफ पर अकीदतमंदों की ओर से चादर पेश करने का सिलसिला जारी है। दरगाह परिसर, दरगाह बाजार, मेला क्षेत्र में भीड़ एवं रौनक बरकरार है। उल्लेखनीय है कि छोटे कुल की रस्म के साथ ही छह दिवसीय उर्स का फौरी तौर पर समापन हो चुका है और अब केवल बड़े कुल की रस्म ही निभाई जानी है।