अजमेर। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने रविवार को अजमेर शरीफ में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर 810वें वार्षिक उर्स के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से चादर पेश की और बड़ी संख्या में उपस्थित समाज के सभी तबकों के लोगों को उनके संदेश को पढ़ कर सुनाया।
नकवी ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के सूफियों की सोच, संतों के संस्कार और समाज के समावेशी सशक्तिकरण का संकल्प ही हिंदुस्तान को विश्व गुरु बनाने का मजबूत मंत्र है।
प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में कहा कि ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के 810वें उर्स पर विश्व भर में उनके अनुयायियों को बधाई एवं हार्दिक शुभकामनाएं। दुनिया को मानवता का सन्देश देने वाले महान सूफी संत के उर्स के अवसर पर अजमेर शरीफ में चादर भेजते हुए मैं उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
मोदी ने अपने सन्देश में कहा कि अनेकता में एकता भारत की पहचान है। देश में विभिन्न पंथों, सम्प्रदायों एवं मान्यताओं का सद्भावपूर्ण सह-अस्तित्व हमारी विशिष्टता है। विभिन्न कालखंडों में देश के सामाजिक-सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूती प्रदान करने वाले संतों, महात्माओं, पीर एवं फ़कीरों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस गौरवशाली परंपरा में ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती का नाम पूरे आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है जिन्होंने समाज को प्रेम एवं सौहार्द का सन्देश दिया।
उन्होंने कहा कि गरीब नवाज के आदर्शों एवं विचारों से पीढ़ियों को निरंतर प्रेरणा मिलती रहेगी। समरसता और भाईचारे की मिसाल यह उत्सव श्रद्धालुओं की आस्था और विश्वास को और प्रगाढ़ बनाएगा। इसी विश्वास के साथ ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती के वार्षिक उर्स के अवसर पर मैं दरगाह अजमेर शरीफ से देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना करता हूँ।
प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर का वहां मौजूद लोगों ने पूरे सम्मान के साथ स्वागत किया और ख्वाजा गरीब नवाज के दरबार में पेश की। गौरतलब है कि नकवी आंठवी बार प्रधानमंत्री की ओर से आठवी बार दरगाह पर चादर लेकर आए हैं।
इस अवसर पर नकवी ने कहा कि आज दुनिया प्रधानमंत्री मोदी की तरफ उम्मीद और यकीन के साथ विश्व शांति के नायक के रूप में देख रही है, वह इन्ही सूफी-संतों के आशीर्वाद और समाज के समर्थन का नतीजा है। उन्होंने कहा कि ख्वाजा गरीब नवाज का जीवन हमें सामाजिक सौहार्द एवं एकता की ताकत को और मजबूत करने की प्रेरणा देता है जिससे कि हम टकराव-बिखराव पैदा करने वाली ताकतों को परास्त कर सकें। ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती की शिक्षा ‘विश्व शांति का प्रभावी संकल्प’ है और हिंदुस्तानी संस्कार-संकल्प-संस्कृति का सार्थक सन्देश है।