अजमेर। राजस्थान के अजमेर में विश्व विख्यात सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 810वें सालाना उर्स के मौके पर आज जुम्मे की सार्वजनिक नमाज अदा की गई।
रजब माह का चांद दिखने के बाद शुक्रवार को पड़े जुम्मे पर करीब पचास हजार से ज्यादा लोगों ने नमाज अदा की। शहर काजी मौलाना तौसीफ अहमद सिद्दीकी ने नमाज अदा कराई। नमाज की शुरुआत दरगाह स्थित शाहजहांनी मस्जिद में जुम्मे की अजान से हुई और उसके बाद खुत्बा हुआ।
ठीक डेढ़ बजे दरगाह के पीछे पहाड़ी पर स्थित बड़े पीर साहब की दरगाह से पहली तोप दागी गई जिसके साथ ही अकीदतमंदों ने सुन्नत अदा की। पांच मिनट बाद दूसरी तोप दागी गई। इस संकेत के साथ खुतबे की अजान हुई और मौलाना तौसीफ अहमद ने खुतबा-ए-जुम्मा पढ़ा। इसके बाद पौने दो बजे तीसरी तोप दागी गई जिसके साथ ही सामूहिक नमाज शुरू हुई। नमाज के दौरान सभी मुसलमान गरीब नवाज के सजदे में सर झुकाकर इबादत में डूबे नजर आए।
नमाज के लिए लोगों ने दरगाह परिसर में सुबह से ही जगह घेरकर सफे बनाकर बैठना शुरू कर दिया। खुद्दाम-ए-ख्वाजा ने यह क्रम आस्ताना शरीफ से शुरू किया जो धीरे धीरे बढ़ता हुआ सड़क की ओर निकल पड़ा। दरगाह के निजामगेट से नमाजी धानमंडी के आगे तक बैठे नजर आए। इसके अलावा ढाई दिन के झोंपड़े, नला बाजार, कायड़ विश्राम स्थली, आनासागर, बारादरी पर भी नमाजियों की नमाज अदा करने के समाचार है।
नमाज के लिए दरगाह कमेटी की ओर से दरगाह परिसर व कायड़ विश्राम स्थली में विशेष इंतेजाम किए गए। कलेक्टर अंशदीप व पुलिस अधीक्षक विकास शर्मा ने निजामगेट से व्यवसथाओं को संभाले रखा। पुलिस के पूरे मेला क्षेत्र में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहे। दूसरे जुम्मे की नमाज ग्यारह फरवरी को बड़े कुल वाले दिन अदा की जाएगी।