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दिल्ली विश्वविद्यालय के 85 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन परीक्षा देने की हालत में नहीं - Sabguru News
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दिल्ली विश्वविद्यालय के 85 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन परीक्षा देने की हालत में नहीं

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दिल्ली विश्वविद्यालय के 85 प्रतिशत छात्र ऑनलाइन परीक्षा देने की हालत में नहीं
85 percent of Delhi University students are not in a condition to take online exams
85 percent of Delhi University students are not in a condition to take online exams
85 percent of Delhi University students are not in a condition to take online exams

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के 85 प्रतिशत छात्र कोरोना संकट में ऑनलाइन परीक्षा देने की स्थिति में नही है क्योंकि उनके पास लैपटॉप या फोन या इंटरनेट नहीं है और अगर है तो दूर दराज इलाकों में कई बार नेट ठीक तरह से काम नहीं करता। दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ द्वारा 48 घण्टे के भीतर कराए गए एक सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है।

इस सर्वेक्षण में 51 हज़ार से अधिक छात्रों ने भाग लिया। शिक्षक संघ के अध्यक्ष राजीव राय, सचिव राजिंदर सिंह , आभा देव हबीब, आलोक रंजन पण्डेय और प्रेमचंद ने मंगलवार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये इस सर्वेक्षण के निष्कर्षों की जानकारी दी। उनका कहना था कि कोरोना महामारी के कारण वर्तमान स्थिति में 90 प्रतिशत छात्र परीक्षा देने की मानसिक स्थिति में ही नही है।

इन शिक्षक नेताओं ने कहा कि 50 प्रतिशत छात्र दिल्ली के बाहर के है और वे सेमेस्टर ब्रेक में ही घर चले गए थे ।उनके पास किताबें नहीं, पाठ्य सामग्री या ई सामग्री नहीं। ऑनलाइन क्लास भी नहीं कर पाए क्योंकि सबके पास यह सुविधा नहीं थी। लॉकडाउन के कारण वे फंस गए और वापस आने की स्थिति में भी नहीं हैं। सबके पास मोबाइल फोन नहीं है और है तो सबके पास वाई फाई या डाटा से नेट की सुविधा नहीं है। दूर दराज इलाकों में नेट की सुविधा नहीं और सुविधा है तो नेट चलता भी नहीं। ऐसे में सभी छात्र ऑनलाइन परीक्षा नही दे सकते है। इस सर्वेक्षण में 92 प्रतिशत छात्र बी ए स्तर के हैं ,7.8 प्रतिशत स्नातकोत्तर स्तर के हैं।

सर्वेक्षण में 86.8 प्रतिशत नियमित छात्र हैं, आठ प्रतिशत पत्राचार के हैं, 5.2 प्रतिशत छात्र नॉन कॉलेजिएट हैं। इन शिक्षक नेताओं का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन ने ऑनलाइन परीक्षा करने का फैसला करने से पहले न शिक्षक प्रतिनिधियों, न छात्रों और न ही विकलांग छात्रों से कोई विचार- विमर्श किया। इन शिक्षक नेताओं ने कहा कि वे इस मुद्दे को मानव संसाधन विकास मंत्रालय के सामने उठाएंगे और विश्वविद्यालय के विजिटर उप राष्ट्रपति एम वैंकैया नायडू के सामने रखेंगे।