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90 percent of the country's area is free of open defecation: Prime Minister Modi - देश के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके खुले में शौच से मुक्त: प्रधानमंत्री मोदी - Sabguru News
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देश के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके खुले में शौच से मुक्त: प्रधानमंत्री मोदी

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देश के 90 प्रतिशत से अधिक इलाके खुले में शौच से मुक्त: प्रधानमंत्री मोदी
90 percent of the country's area is free of open defecation: Prime Minister Modi
90 percent of the country's area is free of open defecation: Prime Minister Modi
90 percent of the country’s area is free of open defecation: Prime Minister Modi

नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छता को स्वभाव में परिवर्तन का यज्ञ बताते हुए कहा कि देशवासियों के इस आन्दोलन के कारण ही पिछले चार साल में देश के 90 प्रतिशत के अधिक इलाके खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं जबकि गत 60-65 सालों में केवल चालीस प्रतिशत इलाके ही मुक्त हो पाए थे।

मोदी ने शनिवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये ‘स्वच्छता ही सेवा है’ पखवाड़े का उद्घाटन करते हुए यह बात कही। उन्होंने देश के कोने कोने में सैंकड़ों स्वच्छताग्राहियों से भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बात की और इस आन्दोलन में लोगों के योगदान की सराहना की। उन्होंने स्वच्छता अभियान के दूत एवं इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और मशहूर उद्योगपति रतन टाटा से भी बात की।

उन्होंने कहा कि जब चार साल पहले स्वच्छता अभियान शुरू हुआ था तो किसी ने यह कल्पना नहीं की थी कि चार साल में देश के 20 राज्य एवं केन्द्रशासित क्षेत्र 450 जिले तथा साढ़े चार लाख से अधिक गाँव खुले में शौच से मुक्त हो गए और करीब नौ करोड़ शौचालय बन गये। इस अभियान से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ा है और कई गंभीर बीमारियों से मुक्ति मिलेगी।

उन्होंने कहा कि जब यह अभियान शुरु हुआ था तो केवल 40 प्रतिशत इलाके ही स्वच्छ थे लेकिन इन चार सालों में 90 प्रतिशत से अधिक इलाके खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं यानि जो काम पिछले 60-65 सालों में नही हुआ वह केवल चार वर्षों में हो गया। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का काम केवल सरकार अकेले नही कर सकती है। इसमें सभी की भागीदारी आवश्यक है और आप लोगों ने इसे आन्दोलन बनाकर इस कार्य को सफल बनाया है।

उन्होंने विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि इस स्वच्छता आन्दोलन से डायरिया में 30 प्रतिशत कमी आयी है तथा इसमें और भी कमी आयेगी। करीब तीन लाख बच्चों की जान बचाने में यह आन्दोलन सफल रहा है।

मोदी ने कहा कि गंदगी गरीब के जीवन में अंधेरे की तरह है और उसे बीमारी के दलदल में धकेल रही है। स्वच्छता अभियान ने उसे इस अंधेरे से बचाया है। उन्होंने इस आन्दोलन में महिलाओं की भूमिका और उनके योगदान को भी रेखांकित करते हुए कहा कि वह खुले में महिलाओं को सोच करते हुए देख कर इतने पीड़ित हुए कि उन्होंने इस कार्यक्रम की शुरुआत की। अब स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग शौचालय बन जाने से उनके ड्राप आउट में काफी कमी आयी है।

उन्होंने यह भी कहा कि केवल शौचालय बन जाने से यह आन्दोलन पूरा नहीं होगा , बल्कि कचरे एवं कूड़े का भी प्रबंधन करना होगा और हम सबको श्रमदान भी करना होगा। प्रधान मंत्री ने अमिताभ बच्चन से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये स्वच्छता दूत के रूप में उनके अनुभवों के बारे में पूछा तो श्री बच्चन ने उन्हें विस्तार से बताया।

बच्चन ने कहा , “ आपने जब मुझे इस अभियान में शामिल किया को मुझे लगा कि मुझे केवल प्रचार प्रसार स्तर पर ही नहीं , बल्कि व्यक्तिगत स्तर पर जुड़ना चाहिए और इस कार्य के लिए मैं मुम्बई के एक समुद्र तट पर गया। वहां देखा कि जो कचरा हम समुद्र में फेंक देते हैं , समुद्र उसे हमें लौटा देता है और तट पर बहुत कचरा जमा हो जाता है तथा वह वह रेत के भीतर जमा हो जाता है । मैंने एक आदमी को रेत खोद कर कचरा निकलते देखा तो मैंने उसे रेत खोदने वाली एक मशीन खरीद कर दी। फिर उस कचरे को बाहर फेंकने के लिए एक ट्रेक्टर भी दिया। हमने स्वच्छता एक्सप्रेस नमक एक बस भी चलायी जिसके जरिए करीब 300 गांवो में जाकर साफ़ सफाई के लिए जागरूकता का प्रसार किया गया।

मोदी ने बच्चन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उनके पिता एवं मशहूर कवि हरिवंश राय बच्चन की पंक्तियां भी सुनायी , जिनमें स्वछता पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री ने उद्योगपति रतन टाटा से भी बात की। श्री टाटा ने कहा कि वह इस आन्दोलन को तकनीकी एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से भी मदद करेंगे तथा देश को स्वच्छ बनाने के सपने को पूरा करने में सहयोग करेंगे।

मोदी ने बिहार, उत्तरप्रदेश, गुजरात, असम, हरियाणा, राजस्थान और तमिलनाडु जैसे अनेक राज्यों के स्वच्छताग्रहियों से बात करने के अलावा स्कूली छात्रों महिलाओं को भी संबोधित किया और उन्हें इसे और सफल बनाने का आग्रह किया तथा उनके योगदान की भूरी भूरी प्रशंसा की।