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95% marks students fails in meritories schools in Punjab - पंजाब में 95 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी मेरिटोरियस स्कूलों में हुये फेल - Sabguru News
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पंजाब में 95 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी मेरिटोरियस स्कूलों में हुये फेल

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पंजाब में 95 प्रतिशत अंक वाले विद्यार्थी मेरिटोरियस स्कूलों में हुये फेल
95% marks students fails in meritories schools in Punjab
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95% marks students fails in meritories schools in Punjab

जालंधर । पंजाब शिक्षा बोर्ड द्वारा परीक्षाओं में नकल रोकने के सभी प्रयासों को असफल करते हुए विद्यार्थियों ने नकल के सहारे 95 फीसदी तक नंबर तो प्राप्त कर लिए लेकिन अगली कक्षा में दाखिला लेने के वास्ते सरकार की ओर से संचालित मेरिटोरियस स्कूलों की प्रतियोगिता परीक्षा में बुरी तरह से फेल हो गये।

पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा में 90 प्रतिशत से अधिक अंक लेने वाले बहुत से विद्यार्थी प्लस वन में दाखिला लेने के लिए पंजाब सरकार के ही मेरिटोरियस स्कूलों की प्रवेश परीक्षा में असफल हो गये। पंजाब के शिक्षा शास्त्री पहले यह सोच रहे थे कि जब 2018 में दसवीं की परीक्षा का उत्तीर्ण प्रतिशत 57.50 रहा था तो 2019 में ऐसी कौन सी क्रांति हो गयी कि सरकारी स्कूलों में सफल होने वाले विद्यार्थियों की संख्या बढ़कर 88.21 प्रतिशत हो गयी। ढोल की पोल खोलने वाली सच्चाई तब सामने आई जब दसवीं में 90 प्रतिशत या इससे ज्यादा अंक लेने वाले विद्यार्थी भी इस प्रवेश परीक्षा में सफल नहीं हो सके। एक विद्यार्थी जिसने 95 प्रतिशत अंक लेकर दसवीं की परीक्षा पास की थी वह भी फेल हो गया।

पंजाब की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री प्रो. लक्ष्मीकांता चावला ने सोमवार को कहा कि सच्चाई यह है कि मेरिटोरियस स्कूल की प्रवेश परीक्षा में प्रश्नपत्र नवम और दशम कक्षा के पाठयक्रम से ही तैयार किया जाता है, पर 90 प्रतिशत अंकों की ऊंचाई तक पहुंचने वाले विद्यार्थी इस परीक्षा में बुरी तरह अनुत्तीर्ण हुए हैं। उन्होंने बताया कि 15 हजार 442 विद्यार्थियों ने प्रवेश परीक्षा दी थी, जिसमें से केवल 4841 ही सफल हो सके। उन्होंने उल्लेख किया कि परीक्षाओं के दिनों में यह आम चर्चा थी कि इस बार नकल पर कोई रोक नहीं और यह सरकारी आदेश है कि अधिक से अधिक विद्यार्थी परीक्षा में सफल हों।

प्रो. चावला ने कहा कि सरकार और पंजाब के शिक्षा अधिकारी तथा शिक्षाविद् यह सोचें कि अगर इसी तरह परीक्षा लेकर नबंरो की ऊंची सीढ़ी पर बच्चों को चढ़ा दोगे तो वे किसी भी प्रतियोगिता में सफल नहीं होंगे और पंजाब, देश में पीछे रह जाएगा। बहुत अच्छा हो अगर 90 प्रतिशत और इससे ज्यादा अंक लेने वाले विद्यार्थियों की परीक्षा पुनः ली जाए और वहां किसी प्रकार की भी बाहरी सहायता या नकल पर नियंत्रण हो तभी असली चेहरा सामने आएगा।