नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को आज देश भर में ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया गया और इस अवसर पर उन्हें राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत राजनीति और समाज के अनेक क्षेत्रों के गणमान्य लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर देश भर में कई कार्यक्रम, सभा, संगोष्ठी और परिचर्चा का आयोजन किया गया।
कोविंद, मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कई अन्य नेताओं ने वाजपेयी के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। कोविंद, मोदी और अन्य वरिष्ठ नेता राजधानी में वाजपेयी की समाधि ‘सदैव अटल’ पर जाकर उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि हम लोग वाजपेयी की राष्ट्र के लिए की गई सेवाओं से प्रेरित होते हैं। उन्होंने भारत को मजबूत और विकसित राष्ट्र बनाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। उनके विकासपरक कार्यों से करोड़ों भारतीयों के जीवन पर सकारात्मक असर पड़ा।
सिंह ने कहा कि वह एक महान राष्ट्रवादी थे। वह अच्छे वक्ता, अदभुत कवि, सक्षम प्रशासक और उल्लेखनीय सुधारक थे। पूर्व प्रधानमंत्री के मंत्रिमंडल में रह चुके सिंह ने एक ट्वीट में कहा कि अटल जी के देश के सार्वजनिक जीवन के लिए किये गये वृहद योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
शाह ने कहा कि उन्होंने अन्त्योदय और सुशासन के दृष्टिकोण को आत्मसात करते हुए अपने अडिग सिद्धांतों के साथ भारतीय राजनीति को एक नयी दिशा दी। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि वह पूरे भारत को एक साथ लेकर चले। उनके विचार और उनका जीवन संघर्ष आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि वाजपेयी जी हम सभी के लिए एक मार्गदर्शक बने रहेंगे। उन्होंने अपना पूरा जीवन भारत माता की सेवा में लगा दिया। नड्डा ने दिवंगत वाजपेयी को उनकी समाधि स्थल पर श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद कहा कि उनके राष्ट्र निर्माण के लिए किए गए योगदान को सदैव याद किया जाएगा।
वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। भाजपा के कद्दावर नेता रहे वाजपेयी का 16 अगस्त 2018 को निधन हुआ। वह देश के तीन बार प्रधानमंत्री बने। उनका पहला कार्यकाल 1996 में मात्र 13 दिनों का था। इसके बाद वह 1998 में फिर प्रधानमंत्री बने और 13 महीने तक देश की बागडोर संभाली। वर्ष 1999 में उन्होंने फिर प्रधानमंत्री पद को सुशोभित किया और 2004 तक इस पद पर रहे।
वाजपेयी भारतीय जनता पार्टी के संस्थापकों में से एक थे। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य भी रहे। वह देश के पहले गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री बने जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया। वाजपेयी एक कवि और लेखक भी थे। संसद और संसद के बाहर प्राय: उनके कथनों और विचारों का उल्लेख किया जाता है। पार्टी के अलावा अन्य मंचों पर भी उनकी चर्चा होती थी। हर क्षेत्र में उनके समर्थकों की बड़ी संख्या रही।