जयपुर। केंद्र में दूसरी बार मोदी सरकार की स्थापना के उपरांत कश्मीरी हिन्दुओं के पुनर्वसन की दृष्टि से धारा 370 रहित करना, नागरिकत्व संशोधन अधिनियम (सीएए), सर्वोच्च न्यायालय द्वारा राममंदिर के हित में दिए ऐतिहासिक निर्णय, इसके साथ ही 5 अगस्त 2020 को नियोजित राममंदिर के भूमिपूजन जैसी सकारात्मक बातें हो रही हैं। इसमें नागरिकत्व सुधार कानून, यह अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की फलोत्पत्ति है। वर्ष 2014 के हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में इस प्रकार का प्रस्ताव सम्मत किया गया था।
सेक्युलर पक्षों की सत्तावाले राज्यों में सीएए कानून लागू न करने का निर्णय लेना और हिन्दू बहुसंख्यक भारत में पीडित हिन्दुओं को न्याय न मिल पाना, यह मानवता के साथ-साथ लोकतंत्र की भी पराजय है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 2061 में भारत में हिन्दू अल्पसंख्यक होंगे, ऐसी स्थिति है।
इन सर्व पार्श्वभूमि पर हिन्दुओं को उनका न्याय का अधिकार मिलने के लिए भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना चाहिए, इस प्रमुख मांग के लिए 9वां अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है, यह जानकारी हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे ने दी। वे नवम अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन की जानकारी देने के लिए आयोजित ऑनलाइन पत्रकार परिषद में बोल रहे थे।
सद्गुरु (डॉ.) पिंगळे ने बताया कि यह अधिवेशन 30 जुलाई से 2 अगस्त और 6 से 9 अगस्त 2020 की अवधि में शाम 6.30 से 8.30 तक ‘ऑनलाइन’ होगा। 9वें अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन में देश-विदेश से विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठनों के नेता, कार्यकर्ता, अधिवक्ता, विचारक, संपादक, उद्योगपति आदि भारी संख्या में ऑनलाइन सहभागी होने वाले हैं।
अधिवेशन के विषय में हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने कहा कि गत 8 वर्षों से गोवा में हो रहे इन अधिवेशनों को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिला परंतु ‘कोविड-19’ आपत्ति के कारण अब यह अधिवेशन ऑनलाइन लेना पड रहा है। अयोध्या में राममंदिर के भूमिपूजन के लिए कुछ सेक्युलरवादी बाधाएं निर्माण कर रहे हैं। इसके विपरीत पाकिस्तान में ऐसी स्थिति है कि वहां एक मंदिर निर्माण करना भी संभव नहीं। वहां के लोगों का कहना है कि पाकिस्तान में मंदिरों के लिए कोई स्थान नहीं है।
हिन्दूबहुसंख्यक भारत में मस्जिदों की संख्या बढती ही जा रही है। इसलिए अब तो भारत को हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की नितांत आवश्यकता है। हिन्दू संगठन और संप्रदायों द्वारा राष्ट्रहित और धर्महित के लिए योगदान देना, इसके साथ ही समान कार्य योजना बनाना और हिन्दूहित के प्रस्ताव पारित करना, यह ऑनलाइन’ अधिवेशन का स्वरूप होगा।
इस अवसर पर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता चेतन राजहंस ने कहा कि आगामी आपातकाल की दृष्टि से हिन्दुओं की सहायता करने के लिए हिन्दुत्वनिष्ठों को विविध कौशल विकसित करने पडेंगे। इस सेवाकार्य का प्रशिक्षण देने के लिए 13 से 16 अगस्त की अवधि में हिन्दू राष्ट्र संगठक अधिवेशन का आयोजन किया गया है।
नोट : यह अधिवेशन सभी के लिए उपलब्ध है और नीचे दी गई लिंक्स पर उसका सीधा प्रक्षेपण किया जाएगा। समिति की ओर से सभी को आवाहन है कि इसका हिन्दुत्वनिष्ठ अवश्य लाभ लें।
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