लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी के सीजेएम कोर्ट ने नागरिक सुरक्षा विभाग में कार्यरत एक महिलाकर्मी द्वारा आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर सहित नागरिक सुरक्षा विभाग के अन्य कर्मियों के विरुद्ध कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न किए जाने की दायर शिकायत खारिज कर दी है।
महिलाकर्मी ने आरोप लगाया था कि अमिताभ ने उनके साथ लैंगिक संबंध बनाने का दबाव बनाया और ऐसा नहीं होने पर उन्हें सेवा संबंधी मामलों में विभिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया।
सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने अपने आदेश में कहा कि परिवादिनी का मुख्य आरोप विभागीय मामलों को लेकर है और जहां तक लैंगिक उत्पीड़न का आरोप है, वह अपने आप में आधारहीन प्रतीत होता है।
कोर्ट ने कहा कि परिवादिनी तथा साक्षियों के बयान तथा तमाम अभिलेखों से स्पष्ट है कि उनके द्वारा विभागीय कार्रवाई से क्षुब्ध होकर यह परिवाद दायर किया गया है। इसलिए उन्होंने अभियुक्तों को तलब करने का कोई आधार न देख परिवाद निरस्त कर दिया।