नई दिल्ली। हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जुड़े आय से अधिक संपत्ति के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने मंगलवार को जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के एजेंट आनंद चौहान को जमानत दे दी। विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष स्नेही ने चौहान को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की दो जमानत राशि पर जमानत दे दी।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से चौहान के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया था। ईडी ने चौहान को ‘वीरभद्र सिंह, उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह समेत उनके परिवार के सदस्यों के नाम एलआई की 5.14 करोड़ रुपये की पॉलिसी की खरीद में वीरभद्र सिंह द्वारा गैर-आय स्रोत से आए धन का उपयोग करने’ को लेकर चल रही जांच में आरोपी बनाया है।
चौहान को नौ जुलाई 2016 को धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया था।
जांच में पाया गया था कि वीरभद्र सिंह ने केंद्र में इस्पात मंत्री के रूप में 2009-2011 के बीच अपने कार्यकाल के दौरान अपने और अपने परिवार के सदस्यों के नाम 6.03 करोड़ रुपए जमा किए थे, जोकि उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक रकम थी।