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महिलाओं के लिए लाभकारी है ये योगासन - Sabguru News
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महिलाओं के लिए लाभकारी है ये योगासन

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महिलाओं के लिए लाभकारी है ये योगासन
Yoga is beneficial for women
Yoga is beneficial for women
Yoga is beneficial for women

चाहे वैवाहिक जीवन में प्रवेश के पूर्व शरीर को सुडौल एवं आकर्षक बनाने की भावना हो या दांपत्य जीवन में पति की प्रेयसी बनने की भावना से सुडौल एवं फुर्तीला शरीर बनाने की इच्छा हो, सबसे सहज एवं श्रेष्ठ उपाय होता है योगासन का अभ्यास।  यौवनावस्था के आरंभ काल ऐसी होती है कि अगर इसमें शरीर रोगग्रस्त हो जाता है तो किशोरियों के डिम्बकोष पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है, साथ ही उनमें एस्ट्रोजन नामक स्त्री-हार्मोन का उत्पादन भी बाधित होता है।स्वस्थ एवं विकसित यौवन के लिए योगाभ्यास सर्वश्रेष्ठ उपाय माना जाता है। वय: सन्धि के अनुकूल यम, नियम, आसन, प्राणायाम, आदि को करते रहने से शरीर गठित, स्वस्थ एवं सुन्दर बनता है तथा यौवनाएं गर्भाशय एवं योनिगत अनेक बीमारियों से बची रह सकती हैं।

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 शलभासन:– इस आसन को करने के लिए पेट के बल लेट जाइए एवं दोनों हथेलियों को जंघा के नीचे दबा लीजिए। अब सांस को जोर से खींचते हुए एक पैर घुटने समेत ऊपर उठाइये तथा उसी स्थिति में लाकर पैर को जमीन पर रख दीजिए। इसी प्रकार अब दूसरे पैर को ऊपर उठाकर दस सेकेण्ड रखने के बाद फिर आराम की स्थिति में आ जाइये।

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भुजंगासन-: शलभासन के पश्चात दोनों हथेलियों को कंधों के नीचे जमीन पर इस प्रकार स्थिर कीजिए कि हथेली वक्ष के बगल में एवं कुहनियां बगल में स्थित हों। अब सांस लेते हुए सिर, छाती एवं पेट, हथेलियों के बल ऊपर उठाइये। इससे कमर से ऊपर का भाग सांप के फन की आकृति-सा बन जाएगा। दस से पन्द्रह सेकेन्ड तक इस अवस्था में सांस रोककर स्थिर रहने के बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पेट, छाती एवं सिर जमीन पर स्थिर करने की क्रिया कीजिए।

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धनुरासन:- भुजंगासन के बाद धनुरासन का अभ्यास कीजिए। भूमि की ओर मुंह करके औंधे लेट जाइए। स्नायुओं को शिथिल कर दीजिए। दोनों हाथ बगल से सटाकर रखिए। पैरों को उठाकर पीछे की ओर मोडि़ए। हाथ ऊपर उठाइए और टखनों को भली-भांति पकडि़ए। सीना और सिर ऊपर की ओर उठाइए तथा सीने को फुलाइए। हाथ सीधे और कड़े बनाइए। पैरों को भी कड़ा कीजिए। अब सांस खींचकर अन्दर रोकिये और सिर को पीठ के पीछे मोड़ते हुए हथेलियों से पैरों को इस प्रकार खींचिए कि सम्पूर्ण शरीर का भार ठोढ़ी अथवा नाभि पर केन्द्रित हो जाए दस से पन्द्रह सेकेन्ड तक इस अवस्था में रहने के पश्चात सांस छोड़ते हुए पूर्व अवस्था में वापस आइए।

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