सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली इन दिनों आ बैल मुझे मार सरीखी होती दिख रही है। जावाल में पुलिस अभद्रता से फिर से मामला भडका दिया तो कलक्टर के कार्यालय के बाहर पुलिस और प्रशासन की अनदेखी के कारण दबंगों पर कार्रवाई नहीं करने की मांग को लेकर तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठे आदिवासी परिवार के सदस्य का स्वास्थ्य शनिवार को खराब हो गया। उसकी चिकित्सकीय जांच की गई। बाद मे उसे चिकित्सालय में भर्ती करवाया गया।
सिरोही शहर का ही एक आदिवासी परिवार जिला उद्योग केन्द्र के पास खेती की जमीन पर सिरोही की आजादी के पूर्व से ही खेती कर रहा है। इस भूमि को सिरोही और शिवगंज के दबंगों ने खरीद लिया। परिवार का आरोप है कि इसका केस सिरोही उपखण्ड अधिकारी कार्यालय व राजस्व मंडल अजमेर से हारने के बाद भी यह खरीदार आए दिन कथित रूप से गुंडों को ले जाकर इस आदिवासी परिवार को जबरन जमीन खाली करवाने के लिए मारपीट करते हैं।
पीडित परिवार ने पुलिस और प्रशासनिक मशीनरी पर दबंगों के साथ मिलकर आदिवासी परिवार के खेत में जाकर उन्हें बेदखल करने की कार्रवाई में सहयोग करने का आरोप लगाया। इसके वीडियो भी उन्होंने बनाए हुए हैं। पीडित परिवार ने दबंगों द्वारा परेशान करने और गुंडागर्दी कर जमीन से बेदखल करने की शिकायत जिला कलक्टर व पुलिस अधीक्षक दोनों से ही की।
इन पीडितों का आरोप है कि दोनों अधिकारियों से शिकायत के बाद भी पुलिस व प्रशासनिक कार्मिकों के साथ मिलकर दबंगों द्वारा उनके परिवार को उत्पीडन जारी है। इसे लेकर यह परिवार हाड कंपा देने वाली ठंड में दिन-रात कलक्टर चैम्बर के पास ही तीन दिन से आमरण अनशन पर बैठा है। प्रशासन ने इनकी कोई सुनवाई नहीं की।
ध्यान नहीं दिया तो बढ सकता है विवाद
मीणा जाति के इस परिवार के साथ हो रही कथित एट्रोसिटी पर प्रशासनिक चुप्पी इस क्षेत्र में अपने पैर जमाने को तैयार बैठे किरोडीलाल मीणा को एक मौका दे सकती है। वैसे शुक्रवार को किरोडीलाल मीणा की पार्टी के प्रतिनिधि इस परिवार से मिलकर भी गए हैं।