अजमेर। राम नाम जप से अखिल ब्रह्रामांड के पापों का नाश हो जाता है। राम नाम की परिक्रमा सकल ब्रह्मांड की परिक्रमा के समान है। ब्रह्रमांड में साढे तीन करोड तीर्थ हैं, इतने तीर्थों की परिक्रमा सौ जन्म में भी संभव नहीं है। ऐसे में समस्त तीर्थों की परिक्रमा से मिलने वाला पुण्य राम नाम परिक्रमा करके पाया जा सकता है।
यह बात वैशाली नगर स्थित प्रेमप्रकाश आश्रम के ओमप्रकाश शास्त्री ने राम नाम परिक्रमा महोत्सव के 11वें दिन बुधवार को प्रवचन के दौरान कहीं। उन्होंने राम नाम की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि राम ब्रह्रम के उस स्वरूप का नाम है जो निराकार और सभी जीवों में विराजित है।
कबीर के पुत्र कमाल के प्रसंग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कोई राम शब्द पूरा न बोलकर अगर रा भी बोल दे तो उसका कष्ट निवारण हो जाता है। कोई तीन बार राम नाम जप ले तो उसका पूरा जीवन ही सफल हो जाएगा। एक बार राम बोलने से पिछले जन्म के पाप खत्म हो जाते हैं दूसरी बार बोलने से इस जन्म के और तीसरी बार बोलने से जिंदगी भर होने वाले रोग दोष मिट जाते हैं। प्रभुु के अनेकों रूप और अनंत नाम है किसी भी नाम को जप लो उद्धार हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि राम की महिमा पर संशय कभी नहीं करना। राम राम में ही आराम है, मुक्ति है, राम शरणागत रक्षक हैं। 84 लाख योनियों का चक्र घूमता हुआ जीव मनुष्य योनी को प्राप्त होता है। इस योनी में राम जप जो कर ले वह प्रभु का प्रिय हो जाता है। जब हम प्रभु के हो जाएंगे तो प्रभु का सब कुछ हमारा हो जाएगा।
मुझमें राम तुझमें राम की भावना से ही वसुधैव कुटुम्बकम का प्रसार होगा। संसार भोग भूमि है लेकिन भारत पुण्य भूमि है, देव भूमि है, यहां जन्म लेने वाला जीव सौभाग्यशाली होता है।