सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही के विधायक और गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी और सिरोही सभापति ने जिस गौरव पथ का शुक्रवार को निरीक्षण करके गुणवत्ता परखी थी, उसी पर उनकी पार्टी के पार्षदों ने शनिवार को प्रश्नचिन्ह लगा दिया। उल्लेखनीय है कि इस सडक पर नजर रखने का श्रेय सोशल मीडिया पर सभापति ताराराम माली भी ओढ रहे थे, ऐसे में उन्हीं के सबसे करीबी पार्षद जितेन्द्र खत्री द्वारा प्रश्नचिन्ह लगाना भी चर्चा का विषय बना हुआ है।
भाजपा पार्षदों के विरोध में कांग्रेस पार्षदों ने भी सहयोग दिया तो मामला बढा और काम को रोकना पडा। बाद में सभी पार्षदों ने जिला कलक्टर के नाम से मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन दिया।
सवेरे भाजपा पार्षद जितेन्द्र खत्री ने नगर परिषद से लेकर जेल चैराहे के बीच गौरव पथ के डामरीकरण के काम में अनियमितता की बात अपने सहयोगी पार्षदों को बताई।
सूचना मिलने पर भाजपा पार्षद प्रवीण खत्री, विरेन्द्र एम चैहान के साथ नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी, जितेन्द्र सिंघी, मारूफ कुरैशी के अलावा भाजपा मीडिया सेल के हरीश दवे भी एकत्रित हो गए। इन सभी ने सडक की गुणवत्ता पर सवाल उठाया। हंगामे की सूचना मिलने पर पीडब्ल्यूडी के एक एईएन मदनसिंह चैहान मौके पर पहुंचे।
उनके सामने भाजपा पार्षदों ने सडक पर हो रहे डामरीकरण की पोल खोलते हुए उसकी परते निकालनी शुरू कर दी। इन लोगों ने गौरव पथ निर्माण में जमकर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया। पार्षद जितेन्द्र खत्री ने इस में बढकर भूमिका निभाते हुए इस सडक को खोदकर फिर से बनाने की मांग रख दी।
बाद में इस मामले को लेकर जिला कलक्टर को ज्ञापन देने के लिए हस्ताक्षर करवाए गए, यह बात दिगर है कि हस्ताक्षर करने के दौरान इस विवाद का कथित रूप से आगाज करने वाले भाजपा पार्षद नदारद रहे। उनके सहयोगी पार्षदों ने उन्हें कई बार हस्ताक्षर के लिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनके हस्ताक्षर नहीं मिल पाए। इस पर उक्त पार्षदों के साथ भाजपा पार्षद लता पटेल, कांग्रेस पार्षद गोपीलाल, निर्दलीय पार्षद शैतानाराम ने भी हस्ताक्षर किए।
-सवालिया निशान
जिस गौरव पथ के निर्माण की गुणवत्ता पर अंगुली उठाई गई है उसका निरीक्षण शुक्रवार को स्थानीय विधायक व गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी और सभापति ताराराम माली ने की। अलग-अलग एंगल में खिंचे उनके फोटो सेशन सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए।
इसी सडक की गुणवत्ता पर दूसरे ही दिन उन्हीं के पार्षदों का सवालिया निशान लगाना मंत्री और सभापति के निरीक्षण पर भी सवालिया निशान लगा रहा। इन पार्षदों ने इस सडक की गुणवत्ता में कथित रूप से भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। यदि इनके आरोप सही हैं तो देवासी और ताराराम माली अपनी पार्टी के जनप्रतिनिधियों द्वारा घेरे जा रहे हैं जो इस चुनावी सीजन में इन लोगों के खिलाफ विपक्ष को बडा हथियार दे देंगे। ओटाराम देवासी स्वयं दो बार जीत चुके हैं ऐसे में आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी दावेदारी पर कोई प्रश्नचिन्ह ही नहीं है।
इधर, ताराराम माली के भी अपने जातीय गणित से इस बार दावेदारी पेश करने के कयास लग रहे हैं। गुरुवार को उनकी ओर से शहर में किए जा रहे और किए गए और करवाए जाने वाले सभी कार्यों का श्रेय स्वयं या अपनी पार्टी को देना इस ओर इशारा कर रहा है। ेऐसे में अपने ही पार्टी के द्वारा घिरना इन लोगों की राह में पूर्व सभापति की तरह रोडे खडे कर सकती है।
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