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congress vigol for corruption in muncipality on 16 th jan
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सूरत बदले ना बदले नगर परिषद के बाहर कांग्रेस का हंगामा कल

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सूरत बदले ना बदले नगर परिषद के बाहर कांग्रेस का हंगामा कल
movement, agitation, picketing and vigil
movement, agitation, picketing and vigil

सबगुरु न्यूज-सिरोही। चुनाव सिर पर है तो कांग्रेस भी हंगामे में लग गई। सिरोही में नगर परिषद को निशाना बनाते हुए मंगलवार को कांग्रेस हंगामा करेगी।

सिरोही नगर परिषद के नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी ने बताया कि मंगलवार को भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और जनता की समस्या के निराकरण के लिए सवेरे दस बजे कांग्रेस का धरना होगा। उनके अनुसार पार्षदों व आम नागरिकों के अलावा इस धरने में पूर्व विधायक संयम लोढा भी हिस्सा लेंगे।
हंगामा इसलिए कि अब तक कांग्रेस हंगामा करती रही, लेकिन उन हंगामों में लगाए गए किसी आरोप को सिद्ध करके सिरोहीवासियों के सामने अब तक तो भाजपा नेताओं को बेनकाब नहंी कर पाई।

सिरोही भाजपा सभापति समेत अन्य लोगों के खिलाफ एसीबी में दर्ज मामलों को भी दो कदम आगे नहीं बढवा पाई और भाजपा बोर्ड में अनियमितता की हालत तो अब पहली बार नगर परिषद के कार्मिक भी बयान करने लगे हैं।

इसके बावजूद कांग्रेस और उनके कद्दावर नेता संयम लोढा आरोपों के अलावा कानूनी रूप से सिरोही समेत पांचों नगर निकायों पर अपना शिकंजा नहीं कस पाए हैं। शायद यही कारण था कि भाजपा के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र राठौड ने राजस्थान सरकार के चार साल पूरे होने पर हुई प्रेस काॅन्फ्रेंस में सिर्फ हंगामा और आरोप लगाने वाला नेता बताया।

उन्होंने कहा था कि लोढा के आरोपों के कोई जमीन नहीं होती। लोढा को अपने आरोपों की जमीन दिखानी है तो सिरोही या किसी भी एक निकाय में अनियमितताओं के मामले में भाजपा नेताओं को जेल दिखानी ही नहीं भिजवाना भी होगा अन्यथा राठौड के बयानों की निरर्थकता सिद्ध नहीं हो पाएगी।

जबकि खसरा संख्या 1218 समेत शहर की अन्य जमीनों को खुर्दबुर्द करने, फर्जी तरीके से कथित रूप से नौकरी देने के अलावा, स्टोर से खरीद, सफाई ठेका और न जाने ऐसे कितने ही मुद्दे हैं, जिन पर भाजपा के बोर्ड पर अनियमितता का आरोप लगते रहे हैं।
-जीत का रास्ता नगर निकायों से
कांग्रेस की जीत का रास्ता नगर निकायों और पंचायतों से होकर ही जाता है। नगर निकायों में भाजपा के बोर्डों द्वारा शहरों में की गई अनियमितताएं और पंचायत समितियों में ग्रामीण क्षेत्रों में की गई अनियमितताओं को उघाडा करके कांग्रेस भाजपा के तीनों विधायकों के लिए 2018 नवम्बर को भारी कर सकती है।

ओटाराम देवासी, जगसीराम कोली और समाराम गरासिया या इनके अलावा जो कोई भी 2018 में भाजपा का उम्मीदवार हो उसकी हार का रास्ता निकायों और पंचायतों के भ्रष्टाचार के माध्यम से ही तय होगा। ऐसे में सिरोही के पांचों निकायों और पंचायत समितियों को निशाना बनाने के अलावा इन पर एसीबी या हो सके तो हाईकोर्ट के माध्यम से जांचें खुलवाकर या अनुसंधान तेज करवाकर कांग्रेस भाजपा से इस मोर्चे बाजी मार सकती है।

सूरत बदलने के अलावा यदि इस तरह के धरने प्रदर्शनों का मकसद सिर्फ हंगामा करना है तो इसका कोई विशेष फायदा नहीं मिलने वाला। क्योंकि इसी तरह के अनियमितताओं का आरोप लगाकर भाजपा सत्ता में आई तो कांग्रेस ने यह आरोप लगा दिया कि विधानसभा चुनावों में निकायों में हुए भ्रष्टाचार का पैसा लगा है।

यदि भाजपा निकायों पर लगाए गए आरोपों को न्यायिक रूप से सिद्ध करके सजा के स्तर पर नहीं पहुंचा पाए तो निकायों के भ्रष्टाचार का पैसा स्वयं के काम में लेने का आरोप भाजपा भी कांग्रेस पर लगा सकती है।

सिरोही चिकित्सालय को छोड दे तो कांग्रेस के अब तक के धरने दुष्यंत के शेर के विपरीत कुछ यू है कि…
सिर्फ हंगामा करना मेरा मकसद है
मैं नहीं चाहता कि सूरत बदलनी चाहिए।