जोधपुर। देश की पहली महिला रक्षामंत्री निर्मला सीतारमन ने बुधवार को भारतीय वायुसेना के देसी लड़ाकू विमान सुखोई एसयू-30 एमकेआई में उड़ान भरी। भारत में तैयार दो इंजनों वाला यह लड़ाकू विमान परमाणु हमले करने में सक्षम है।
हरे जैतून रंग की फ्लाइट सूट पहनी सीतारमन ने राजस्थान के जोधपुर स्थित वायुसेना अड्डे से सुपरसोनिक जेट विमान में उड़ान भरी। विमान के पायलट ग्रुप कैप्टन सुमित गर्ग थे। 40 मिनट की इस सामरिक उड़ान के दौरान सीतारमन विमान के कॉकपिट में बैठी नजर आईं।
मीडिया से बातचीत में रक्षामंत्री ने कहा कि वह भारतीय वायुसेना पर गर्व करती हैं और लड़ाकू विमान में उड़ान का अनुभव कराने के लिए वह वायुसेना का आभार जताती हैं।
उन्होंने कहा कि दरअसल मुझे यह जानने का मौका मिला कि वे (सेना के लोग) कितनी कड़ी मेहनत व अभ्यास करते हैं और किस स्तर की तत्परता व चुस्ती से स्थितियों से सामना करते हैं। यह आखें खोलने वाला व यादगार पल था।
सीतारमन दूसरी महिला नेता हैं, जिन्होंने सुखोई-30 जेट विमान में उड़ान भरी है। इनसे पहले 2009 में राष्ट्रपति प्रतिभा पाटील ने लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी।
सीतारमन ऑक्सीजन मास्क के साथ हेल्मेट और जी-सूट पहनी थीं, जिसे गुरुत्वारोधी सूट भी कहा जाता है। यह सूट पायलट आमतौर पर पहनते हैं, क्योंकि जेट के चक्कर लगाने के वक्त इससे उन्हें आराम मिलता है। मंत्री की ओर से ट्विटर पर भेजी गई तस्वीरों में वह उड़ान भरने से पहले लड़ाकू विमान से खुद रूबरू हो रही हैं।
सुखोई एसयू-30 एमकेआई एक बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। इसे रूसी विमान निर्माता कंपनी सुखोई की मदद से देसी कंपनी हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। भारत ने इस लड़ाकू जेट विमान से नवंबर 2017 में हवा में मार करने वाले ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण किया था।
सीतारमन ने सितंबर में रक्षामंत्री का पदभार संभाला था। तब से वह थलसेना, वायुसेना और नौसेना के अड्डों का लगातार दौरा करती रही हैं। उन्होंने अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य के विमान में बैठकर एमआई-29 लड़ाकू विमान के संचालन का निरीक्षण किया था।
सुखोई-30 में ये नेता भी उड़ान भर चुके
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन बुधवार को एसयू-30 में उड़ान भरने वाली भारत की दूसरी महिला राजनेता बन गईं। इसके अलावा कई अन्य नेता भी है जिन्होंने भारतीय वायुसेना के सुखोई-30 लड़ाकू विमान में उड़ान भरी है।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम : जून 2003 में तत्कालीन राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने सुखोई-30 में उड़ान भरी थी। वह ऐसा करने वाले पहले भारतीय राष्ट्रपति बने थे। प्रसिद्ध वैज्ञानिक कलाम ने अपने सह-पायलट के साथ यह उड़ान भरी थी और बाद में उन्होंने कहा था कि वह इसलिए वैज्ञानिक बने, क्योंकि वह पायलट नहीं बन पाए। वह उस समय 74 वर्ष के थे।
जार्ज फर्नाडीस : जून 2003 में ही तत्कालीन रक्षा मंत्री जॉर्ज फर्नाडीस ने पुणे के लोहेगांव वायुसेना अड्डे से सुखोई-30 में उड़ान भरी थी। वह उस समय 73 वर्ष के थे।
प्रतिभा देवीसिंह पाटील : नवंबर 2009 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवीसिंह पाटील ने भारतीय वायुसेना के लोहेगांव वायुसेना अड्डे से सुखोई-30 से उड़ान भरी थी। ऐसा करने वाली वह पहली महिला राजनेता थीं।
राव इंद्रजीत सिह : रक्षा राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अगस्त 2015 में सुखोई-30 से हिंडन वायुसेना अड्डे से उड़ान भरी थी।
राजीव प्रताप रूड़ी : प्रशिक्षित पायलट और भाजपा नेता राजीव प्रताप रूड़ी ने फरवरी 2015 में इस विमान से बेंगलुरू के एयरो इंडिया शो में उड़ान भरी थी।
किरेन रिजिजू : गृह राज्य मंत्री ने मई 2016 में पंजाब के हलवारा वायुसेना अड्डे से इस विमान में उड़ान भरी थी।