अगरतला/शिलांग/इंफाल। पूर्वोत्तर के तीन राज्य त्रिपुरा, मणिपुर और मेघालय ने रविवार को विभिन्न कार्यक्रमों और समारोह के साथ अपना 46वां स्थापना दिवस मनाया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर तीनों राज्यों के लोगों को बधाई दी और कहा कि उन्हें आशा है कि वे चौतरफा विकास में नई ऊचाईंयों को छूना जारी रखेंगे।
त्रिपुरा और मेघालय में अगले माह होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण इन दोनों राज्यों में राज्य स्थापना दिवस का जश्न सादगी भरा रहा।
त्रिपुरा में मुख्य समारोह रबिंद्र सतबर्शिकी भवन में आयोजित किया गया, जहां मुख्य सचिव संजीव रंजन, प्रसिद्ध शिक्षक मिहिर देब और सूचना व सांस्कृतिक मामलों के विभागीय सचिव एम. एल. डे ने पिछले 45 सालों में राज्य की उपलब्धियों के बारे में बातें की।
देब त्रिपुरा माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के पास पहले से ही बिजली सरप्लस में है, इसका उपयोग औद्योगिकीकरण और अधिक रोजगार सृजन के लिए किया जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर राज्यों के पास पर्यटन विकसित करने का बड़ा मौका है। पर्यटन के माध्यम से बेरोजगारी समेत विभिन्न समस्याओं को सुलझाया जा सकेगा। इंफाल में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला ने इस मौके पर राज्य के लोगों को बधाई दी।
अपने संदेश में राज्यपाल ने कहा कि मणिपुर ने 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल किया था।
उन्होंने कहा कि राज्य का स्थापना दिवस लोगों को हमेशा गर्व और खुशी से याद रहता है, यह अन्य राज्यों के साथ मिलकर देश को आगे बढ़ाने का और जश्न मनाने का एक सुखद अवसर है।
राज्यपाल ने कहा कि यह आत्मनिरीक्षण का दिन भी है कि हमने अभी तक क्या हासिल किया है और एक सुरक्षित कल के लिए आगे बढ़कर क्या रणनीति तैयार की है। हमारे राज्य ने सभी के सामूहिक प्रयासों के परिणामस्वरूप प्रगति की है और हमने राज्य की स्थापना से अब तक काफी लंबा सफर तय किया है।
मेघालय में राज्य के स्थापना दिवस पर खेल प्रतियोगियाओं समेत कई समारोह का आयोजन किया गया। शाही राज्य रहे त्रिपुरा और मणिपुर का भारतीय संघ में अक्टूबर 1949 को विलय हुआ था और दोनों राज्यों ने 21 जनवरी 1972 को पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल किया था।
मेघालय पहले असम राज्य का हिस्सा था लेकिन पूर्वोत्तर क्षेत्र (पुनर्गठन) अधिनियम 1971 के तहत इसे एक पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया।