परीक्षित मिश्रा-सिरोही। मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के तहत सिरोही नगर परिषद द्वारा बावडियों के जीर्णोद्धार कार्य में सिरोही की ऐतिहासिक विरासत से इतिहास का नामो निशान मिटा दिया गया है। राजस्थान की पुरातत्विक संपदा और धरोहरों के प्रति संजीदा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा ही पारित राजस्थान धरोहर संरक्षण अधिनियम 2015 की कहीं पालना नहीं की गई।
ऐतिहासिक सरजवाव के इतिहास के पत्थरों को सीमेंट के पलास्टर के अंदर दफन कर दिया गया है। इतना ही नहीं सिरोही के पूर्व राजघरानों द्वारा करवाए गए काम पर अपने नाम की मोहर लगाने की होड में सिरोही के नेताओं और अधिकारियों ने इस बावडी पर किया गया अराइश पलास्टर भी सीमेंट की परत के नीचे दबा दिया है।
-मूल स्वरूप का ही करना था जीर्णोद्धार
मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के तहत बावडियों का जो जल संरक्षण करना था उसमें उसकी साफ सफाई करके उसके मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए इसमें पानी की आवक खोलने और इसका ऐतिहासिक गौरव लौटाना था।
सिरोही नगर परिषद ने इस पूरी बावडी के मूल स्वरूप को तबाह करते हुए इसके पत्थरों को सीमेंटेड पलास्टर के नीचे दफन कर दिया है।
मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के तहत जयपुर, श्रीमाधोपुर और राजसमंद में बावडी संरक्षण के काम में यही किया गया है और जहां टूट-फूट थी वहां पर अराइश पलास्टर किया गया है।
-पुरातत्व विभाग ने अभी करवाया था काम
सिरोही की कनक बावडी समेत सरजवाव बावडी और अन्य तीन बावडियों में राजस्थान पुरातत्व विभाग ने अराइश पलास्टरिंग करवाई थी। सरवावाव बाब में भी पत्थरों के जोडों पर ताजा अराइश पलास्टर साफ दिख रहा है। बावडियों के मामले में यही करना था।
बावडियों में जहां अराइश पलास्टर था वहां अराइश पलास्टर और पत्थरों के जोडों पर अराइश पलास्टर से मजबूती देनी थी।
-पुरातत्व विभाग व जिला प्रशासन से मार्गदर्शन नहीं
सिरोही नगर परिषद ने मुख्यमंत्री जल संरक्षण अभियान के दूसरे चरण की शुरूआत रविवार को की। इसके तहत पांच बावडियों को लिया गया है। नगर परिषद द्वारा इसकी पलास्टरिंग के बाद इसमें पेंटिंग करवाया जाना प्रस्तावित है।
करीब 30 लाख से ज्यादा के इस काम को करने के लिए सिरोही नगर परिषद ने जिला प्रशासन और पुरातत्व विभाग से मार्गदर्शन तक नहीं मांगा और न ही अन्य शहरों में किए गए बावडी संरक्षण कार्यों का अवलोकन किया। दूसरे चरण की शुरूआत के दिन सिरोही भाजपा के कई नेता सिरोही के इतिहास की इस धरोहर को दफन करने के साक्षी बने रहे।
-इनका कहना है…
नगर परिषद ने बावडी संरक्षण का काम अपने स्तर पर शुरू किया है। कोई मार्गदर्शन नहीं मांगा। इसमें सिर्फ बावडियों की साफ-सफाई व पानी को पीने योग्य बनाना था। न कि ऐतिहासिक बावडी को सीमेंट से पलास्टरिंग करनी थी। सीमेंट की पलास्टरिंग की जा रही है तो अभी नगर परिषद अधिकारी से बात करता हूं।
संदेश नायक
जिला कलक्टर सिरोही।
बावडियों पर अराइश पलास्टर होना चाहिए। सीमेंटेड पलास्टर नहीं होना चाहिए। हाल ही में सिरोही की पांच बावडियों में जयपुर पुरातत्व विभाग ने अराइश पलास्टर से पत्थरों को जोडों को मजबूती दी थी।
आशुतोष पटनी
प्रतिनिधि, इंटेक चैप्टर, सिरोही।