सबगुरु न्यूज-सिरोही। पद्मावत फिल्म के विरोध को लेकर गुरुवार को करणी सेना के पदाधिकारी सिरोही जिला मुख्यालय पर बाजार बंद करवाने पहुंचे। इस दौरान जबरदस्ती करने से व्यापारियों व करणी सेना के पदाधिकारियों में हाथापाई हो गई। विवाद बढने से पहले पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। जिससे दोनों पक्षों के लोग तितर-बितर हो गए। लाठीचार्ज के आधे घंटे बाद सिरोही का बाजार फिर से खुल गया। वहीं बंद को लेकर बुधवार को ही सभी संगठनों की सहमति होने से माउण्ट आबू में बाजार बंद रहे।
पद्मावत फिल्म रिलीज को लेकर जिला मुख्यालय बंद करने को लेकर बुधवार को सिरोही में करणी सेना और उनके सहयोगी संस्थानों ने व्यापारिक संगठनों से कोई चर्चा नहीं की। वैसे रात को स्थानीय भाजपा नेता के साथ रात को कुछ युवक बाजार में गुरुवार को बंद रखने की अपील करते दिखे, लेकिन यह इतनी देर से किया गया कि तेज सर्दी के कारण आधे से ज्यादा प्रतिष्ठान बंद हो चुके थे। इससे अधिकांश व्यापारियों ने गुरुवार को कच्चा माल मंगवा लिया। बाजार सवेरे दस बजे तक पूरी तरह से खुल गया। इसके बाद करीब ग्यारह बजे रामझरोखा में नारायणसिंह व कुलदीपसिंह आदि के नेतृत्व में करणी सेना व सहयोगी संगठनों की बैठक हुई।
इसके बाद सभी बाजार बंद करवाने के लिए निकल गए। आपसी सहमति से सभी जगह सहयोग मिल रहा था। जेल चैराहा होते हुए जब यह लोग सरजावाव दरवाजे से बस स्टैण्ड के बीच बाजार में स्थित लक्ष्मी मार्केट में पहुंचे। यहां पर दुकानदारों को दुकान में ही बंद कर दिया। बाजार के मुख्य द्वार पर स्थित सब्जी वाला अपनी दुकान बद कर रहा था। इसके बावजूद करणी सेना के लोगों ने उनके साथ हाथापाई कर दी।
यहीं लोगों में आक्रोश आ गया। सब्जी वालों में अपने मोहल्ले के लोगों को बुलवा लिया, कुछ ही देर में करणी सेना के लोग और स्थानीय लोगों के बीच जबरदस्त बहस हुई। हाथापाई शुरू हो गइ। ऐसे में स्थिति बिगडने से रोकने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
इसमें कई इससे पूरी भीड तितर-बितर हो गई। लाठीचार्ज में कई लोगों को चोटें आई। इस मामले में राजपूत महासभा के कुलदीपसिंह, करणी सेना के नारायणसिंह व भाजपा के नेता गणपतसिंह ने स्थानीय लोगों से व्यापारियों के नुकसान होने का खेद जताया और आम सहमति के बिना किसी से जबरदस्ती नहीं करने का अनुरोध किया। सभी व्यापारियों से सहयोग की अपील की। इस पर इस बाजार के व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद किए। मामला हल्का पडा तो सभी शेष बाजार बंद करवाने के लिए निकल गए। इन लोगों के जाते ही पूरा बाजार फिर से खुल गया।
बाजार बंद करवाने के बाद करणी सेना के लोगों ने गोयली चैराहें पर हाइवे पर टायर जलाया, जिसे पुलिस ने बुझा दिया। उधर, माउण्ट आबू में बंद को लेकर राजपूत संगठनों ने एक दिन पहले ही व्यापारिक संगठनों से चर्चा कर ली थी, ऐसे में वहां पर बाजार बिना विवाद के स्वेच्छिक बंद रहा।
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