जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के चौथे दिन दरबार हॉल में गौरव सोलंकी की किताब ‘ग्यारहवीं ए के लड़के’ का लोकार्पण हुआ। पुस्तक का विमोचन लेखक के कहने पर दो लड़कियां जो क्लास 11 में स्टडी कर रही थी उनके द्वारा किया किया।
राजकमल प्रकाशन के उपक्रम सार्थक द्वारा प्रकाशित गौरव सोलंकी की पुस्तक ‘ग्यारहवीं ए के लड़के’ में छह कहानियां सम्मिलित हैं, लगभग हर कहानी ने सोशल मीडिया और अन्य मंचों पर एक खास किस्म की हलचल पैदा की।
किसी ने उन्हें अश्लील कहा, किसी ने अनैतिक, किसी ने नकली। लेकिन ये सभी आरोप शायद उस अपूर्व बेचैनी की प्रतिक्रिया थे, जो इन कहानियों को पढ़कर होती है।
कहने का अंदाज गौरव को सबसे अलग बनाता है और देखने का ढंग अपने समकालीनों में सबसे विशेष। उदारीकृत भारत के छोटे शहरों और कस्बों की नागरिक उदासी को यह युवा कलम जितने कौशल से तस्वीरों में बदलती है, वह चमत्कृत करने वाला है।
पुस्तक विमोचन के बाद ‘बदला जमाना बदली कहानी’ सत्र में बेस्ट सेलर लेखक सत्या व्यास और गौरव सोलंकी से सुदीप्ति निरुपम ने बात की।
गौरव सोलंकी ने कहा कि अब जमाना बदल गया है, वो भी समय था जब मैं अपनी पुस्तक को पब्लिश करने के लिए प्रकाशंकों के दफ्तरों के चक्कर लगाया करता था, आज ऐसा नहीं है। सोशल मीडिया और आधुनिक तकनीक के कारण लोग आपको देख रहे हैं।