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बजट में 2019 चुनाव पर नजर, किसानों, आम आदमी को राहत - Sabguru News
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बजट में 2019 चुनाव पर नजर, किसानों, आम आदमी को राहत

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बजट में 2019 चुनाव पर नजर, किसानों, आम आदमी को राहत
Budget 2018 for common men, relief to farmers
Budget 2018 for common men, relief to farmers
Budget 2018 for common men, relief to farmers

नई दिल्ली। साल 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर वर्तमान के शून्य फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है तथा 99 फीसदी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है। लेकिन उन्होंने आयकर दाताओं के लिए कर संरचना में कोई बदलाव नहीं किया है।

वित्तमंत्री का जोर ग्रामीण भारत और कृषि पर था, लेकिन अगले साल के आम चुनाव को देखते हुए उन्होंने कई योजनाओं और प्रोत्साहनों की घोषणा की है। खरीफ फसलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मंत्री ने न्यूनतम समर्थन मूल्य फसल की लागत का डेढ़ गुना कर दिया है।

वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संस्थागत कृषि ऋण के लिए 11 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है, जबकि पहले यह 8.5 लाख करोड़ रुपए था। उनके बजट भाषण में शिक्षा और स्वास्थ सेवाओं पर भी ध्यान दिया गया है।

वित्तमंत्री ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा का लक्ष्य जीडीपी का 3.2 फीसदी से बढ़ाकर 3.5 फीसदी कर दिया, तथा अगले वित्त वर्ष में इसे जीडीपी का तीन से 3.3 फीसदी (5.95 लाख करोड़ रुपए) तक रखने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने संकेत दिया है कि सरकार अपने खातों को संतुलित रखने के लिए बाजार से और धन कर्ज पर लेगी।

सरकार ने एक स्वास्थ्य बीमा की घोषणा की है, जिसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य संरक्षण सेवा नाम दिया गया है। इसके तहत प्रति परिवार को पांच लाख रुपए इलाज के लिए मिलेंगे। इस योजना के तहत सरकार ने 10 करोड़ गरीब परिवारों को लाने का लक्ष्य रखा है। इस योजना पर सरकार 4,000 करोड़ रुपए व्यय करेगी। वित्तमंत्री ने इस योजना को दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना करार दिया है।

सामाजिक कल्याण योजनाओं के लिए धन जुटाने के लिए सरकार ने समग्र सीमा शुल्क पर 10 फीसदी की दर से समाज कल्याण सरचार्ज लगाया है। यह सरचार्ज पहले लगाए जा रहे शिक्षा और उच्च शिक्षा सरचार्ज की जगह पर लगाया गया है।

बजट पर शेयर बाजारों में तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली है। शुरू में बाजारों में तेजी थी, लेकिन दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर की घोषणा के बाद से इसमें गिरावट होने लगी। अब एक साल बाद शेयर बेचने पर अगर एक लाख रुपये का मुनाफा होता है तो इस पर 10 फीसदी कर चुकाना होगा।

अभी एक साल से कम समय में शेयर बेचने पर 15 फीसदी का अल्पकालिक पूंजी लाभ कर देना होता है। इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। इस नए कर से सरकार को 36,000 करोड़ रुपये की आय होगी।

जेटली ने इसके अलावा शेयरों में निवेश करनेवाली म्यूचुअल फंड कंपनियों पर 10 फीसदी का लाभांश वितरण कर लगाया है।

व्यक्तिगत कर दाताओं से परिवहन और मेडिकल पुनर्भुगतान की सुविधा छीन ली गई है। इसके बदले 40,000 रुपए की मानक कटौती का लाभ दिया जाएगा। इसके अलावा बैंकों में जमा धन पर मिलनेवाले ब्याज पर कर छूट को 10,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दिया गया है।

स्वास्थ्य बीमा के प्रीमियम पर खर्च की जाने वाली रकम पर कर छूट की सीमा 30,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है। वहीं, निजी आयकर पर सेस को तीन फीसदी से बढ़ाकर चार फीसदी कर दिया गया है। इससे सरकार को व्यक्तिगत करदाताओं से 11,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्त होंगे। इस सेस को अब स्वास्थ्य और शिक्षा सेस नाम दिया गया है।

अपने एक घंटा 45 मिनट लंबे बजट भाषण में वित्तमंत्री ने अंग्रेजी के अलावा हिन्दी में भी बात की। आगामी वित्त वर्ष 2018-19 में केंद्र सरकार ने विनिवेश के जरिए 80,000 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है, जोकि चालू वित्त वर्ष के अनुमान 72,500 रुपए के मुकाबले करीब 10 फीसदी ज्यादा है।

जेटली ने अगले वित्त वर्ष में विनिवेश लक्ष्य में 10 फीसदी का इजाफा करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि मुझे सदन को बताने में खुशी हो रही है कि हमने पहले के बजट में तय अनुमान से ज्यादा हासिल कर लिया है। मेरा अनुमान है कि वित्त वर्ष 2017-18 में 1,00,000 रुपए हासिल हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 में विनिवेश के जरिए 80,000 करोड़ रुपए जुटाने का मेरा लक्ष्य है। जेटली के मुताबिक सरकार ने दो बीमा कंपनियों समेत शेयर बाजार में सूचीबद्ध केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले 14 उपक्रमों में विनिवेश को मंजूरी प्रदान की है।

कॉरपोरेट कर में छूट देने की अपनी पहल की घोषणा को लागू करते हुए वित्तमंत्री ने कॉरपोरेट कर की दर घटा कर 25 फीसदी कर दी है। यह उन कंपनियों पर लागू होगा, जिनका कारोबार 250 करोड़ रुपए तक है। वित्तमंत्री ने कहा कि इसके दायरे में 99 फीसदी तक कंपनियां आएंगी।

इससे सरकार की कमाई में 7,000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा। देश में केवल 250 कंपनियां हैं, जिनका सालाना कारोबार 250 करोड़ रुपए से अधिक है। साथ ही कंपनियों के लिए भी आधार कार्ड बनाने का प्रावधान किया गया है।

जेटली ने इसके अलावा मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया है। साथ ही टीवी और उसके पूर्जो पर 15 फीसदी का सीमा शुल्क लगेगा।

बजट 2018 : प्रमुख बातें
Budget 2018 : आयकर दरों में कोई राहत नहीं
Budget 2018 : 10 करोड़ गरीब परिवारों के लिए 5 लाख रुपए का हेल्थकवर
महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए ऋण बढ़कर 75,000 करोड़ रुपए होगा
Budget 2018 : मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत
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