अजमेर। राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों की वाजिब व ज्वलन्त मांगों को पूरा नहीं करने पर राजस्थान मंत्रालयिक कर्मचारी परिषद की प्रदेश कार्यसमिति के निर्णय के अनुसार सभी विभागों के कर्मचारियों ने आक्रोश व्यक्त कर अजमेर के जिलाध्यक्ष अनिल जैन के नेतृत्व में मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा।
पर्यवेक्षक के रूप में प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष महेन्द्र कुमार तीर्थाणी ने कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार मंत्रालयिक संवर्ग की ज्वलन्त मांग वेतन विसंगति, ग्रेड पे 3600 को विलोपित करते हुए 4200 दी जाकर संवर्ग का तीसरे पद को राजपत्रित करते हुए 4800 ग्रेड पे दी जाएं, सातवें वेतन आयोग में अनुसूची 5 में किए संशोधन को रद्द कर पूर्व की भांति यथावत रखा जाए, सातवें वेतन आयोग का 1.01.16 से नगद भुगतान किया जाए।
परिषद के प्रदेश महामंत्री रणधीर सिंह कच्छावा ने अपने सम्बोधन में कहा कि राज्य में लगभग विभिन्न श्रेणियो के डे-सजय लाख पद रिक्त पडे हुए हैं जिससे कर्मचारियों पर अतिरेक कार्य का बोझ बना हुआ है वही कार्य के बोझ से आम जन को त्वरित सुविधा व कार्य पूर्ण होने में परेशानी का सामना करना पड रहा है।
राज्य सरकार को शिक्षा, चिकित्सा सहित सभी विभागों में पडे खाली पदों पर स्थाई नियुक्तियां कर युवाओं को रोजगार देने का कदम उठाना चाहिए जिससे आम जन को सुविधा के साथ कर्मचारियों का अतिरेक बोझ कम हो सके।
प्रदर्शन को महासंघ से सम्बद्ध आनुसांगिक संगठनों के पदाधिकारियों शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिलाध्यक्ष भवंर सिंह राठौड, विष्णु सिंह राठौड महिला इंजिनियरिंग के महेन्द जोशी, सुनिता यादव, सहायक कर्मचारी परिषद के यौतान सिंह आयुर्वेद महासंघ के रेखराज भट्ट, राजस्थान राज्य नर्सेज ऐसोशिएसन के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र सैनिक, परमेश्वर तंवर, अंजू अरोडा, आयरिष रोज, दिनेश चन्देल, सहकारिता विभाग के देवेन्द्र, सार्वजनिक निर्माण विभाग के महेश शर्मा, शिक्षा विभाग के धर्मवीर सिंह, मिश्रीलाल, सुनिता सक्सेना ने सम्बोधित किया।
जिलामंत्री मनोज वर्मा ने सभी संगठनों के पदाधिकरयों एवं सभी विभागों के कर्मचारियों का प्रदर्शन में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया।