सबगुरु न्यूज-सिरोही। महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष हेमलता शर्मा के पति दिलीप शर्मा को कार्यव्यवस्था के तहत उपलाखेजडा स्कूल में भेजने का कार्यपालिका से कोई लेना देना नहीं है। एनएसयूआई द्वारा सूचना के अधिकार के तहत निकाले गए दस्तावेजों के आधार पर यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि यह कार्यव्यवस्था प्रथम दृष्टया ही पूर्ण रूप से राजनीतिक है।
15 फरवरी को ओटाराम देवासी के खिलाफ परिवाद देने के दूसरे दिन ही 16 फरवरी को शिक्षा राज्यमंत्री के विशेष सहायक के पत्र पर दिलीप शर्मा को कार्यव्यवस्था में जावाल से 100 किलोमीटर दूर उपलाखेजडा भेजा गया है। यदि यह आदेश कार्यपालिका के निर्देश पर होता तो इसे शिक्षा निदेशक या शिक्षा विभाग के उप शासन सचिव द्वारा जारी किया हुआ होना चाहिए।
संवैधानिक तौर पर आदेश पूरी तरह से गलत है क्योंकि विधायिका को सिर्फ निर्णय लेना का अधिकार है, निर्णय का क्रियान्वयन करना कार्यपालिका यानि संबंधित मंत्रियों के विभाग से जुडे सचिव, निदेशक आदि का काम है। जबकि यह आदेश मात्र शिक्षा राज्यमंत्री के विशेष सहायक के पत्र पर कर दिया गया है जो कि वसुंधरा सरकार के 2015 के आदेश के खिलाफ है।
ऐसे में जहां गोपालन मंत्री ओटाराम देवासी कांग्रेस का राजनीतिक निशाना बन सकते हैं तो जिला शिक्षा अधिकारी न्यायिक निशाना बन सकते हैं। सबगुरु न्यूज ने जिला शिक्षा अधिकारी के 16 फरवरी के आदेश को देखते ही पहले ही इसे पूर्ण रूप से राजनीतिक आदेश बताया था, क्योंकि उस आदेश की प्रतिलिपि शिक्षा विभाग के निदेशक या सचिव को नहीं भेजकर शिक्षा राज्यमंत्री के विशेष सहायक को भेजी है। इनकी कोई संवैधानिक महत्ता नहीं होती।
-यह है शिक्षा राज्यमंत्री के विशिष्ट सहायक के पत्र में
शिक्षा राज्यमंत्री-स्वतंत्र प्रभार के विशिष्ट सहायक भरतकुमार शर्मा द्वारा जिला शिक्षा अधिकारी सिरोही को 16 फरवरी को लिखे पत्र के अनुसार उन्होंने राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय जावाल के प्रथम लेवल के अध्यापक दिलीप शर्मा को राआबामावि उपलाखेजडामें शिक्षण व्यवस्थार्थ लगाने के आदेश जारी करने को कहा गया है।
इस आदेश की प्रतिलिपि उनके कार्यालय को भिजवाने को भी कहा है। इस पत्र के मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने दिलीप शर्मा को कार्य व्यवस्था के तहत उपलाखेजडा भेजने के आदेश जारी किए।
-उपलाखेजडा में शिक्षकों के 19 में 16 पद भरे हुए
अधूरे होमवर्क के साथ किसी भी काम को अंजाम देने के कारण सिरोही में भाजपा के नेता हमेशा कांग्रेस का आसान शिकार बनते रहे हैं। इस मामले में भी यही हुआ। एनएसयूआई द्वारा आरटीआई में निकलवाए गए दस्तावेजों के अनुसार शिक्षा राज्यमंत्री के विशिष्ट सहायक के पत्र पर दिलीप शर्मा को जिस उपलाखेजडा विद्यालय में स्थानांतरित किया गया वहां पर विभिन्न वरिष्ठता के शिक्षकों के 19 पद हैं।
इनमें से 16 पद भरे हुए हैं। इसमें भी जिस प्रथम लेवन के अध्यापक दिलीप शर्मा हैं, उस श्रेणी के पांच में से 4 शिक्षक वहां तैनात हैं। ऐसे में राज्य सरकार के जुलाई 2015 के आदेश का स्पष्ट उल्लंघन नजर आ रहा है।
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