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कनाडा उच्चायोग ने खालिस्तानी अलगाववादी का आमंत्रण रद्द किया - Sabguru News
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कनाडा उच्चायोग ने खालिस्तानी अलगाववादी का आमंत्रण रद्द किया

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कनाडा उच्चायोग ने खालिस्तानी अलगाववादी का आमंत्रण रद्द किया
Canadian commission cancels dinner invite to Khalistan terrorist
Canadian commission cancels dinner invite to Khalistan terrorist
Canadian commission cancels dinner invite to Khalistan terrorist

नई दिल्ली। भारी विवाद के बाद कनाडा उच्चायोग ने गुरुवार को कहा कि उसने खालिस्तानी अलगाववादी जसपाल अटवाल को भारत दौरे पर आए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रृडो के सम्मान में दिए जाने वाले रात्रि भोज के लिए दिया गया निमंत्रण रद्द कर दिया है। उच्चायोग ने एक बयान में कहा कि उच्चायोग ने अटवाल का आमंत्रण रद्द कर दिया है। हम प्रधानमंत्री की सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर टिप्पणी नहीं करते।

अटवाल को कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल के आवास पर गुरुवार को रात्रि भोज के लिए निमंत्रण भेजे जाने की खबर सामने आने के बाद काफी विवाद उत्पन्न हो गया था। अटवाल को कनाडा में 1987 में हत्या के प्रयास के एक मामले में दोषी भी करार दिया गया था।

अटवाल को भेजे गए निमंत्रण में लिखा था कि भारत में कनाडा के उच्चायुक्त नादिर पटेल को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टड्रो के भारत आने के उपलक्ष्य में कनाडा-भारत के संबंध पर जश्न मनाने के लिए जसपाल अटवाल को रात्रि भोज में आमंत्रित करने में खुशी हो रही है।

टड्रो के साथ भारत दौरे पर आईं विज्ञान एवं खेल मंत्री किस्र्टी डंकन ने भी कहा कि अटवाल को कभी भी आमंत्रित नहीं किया जाना चाहिए था। उन्होंने पत्रकारों से यहां कहा कि आमंत्रण को रद्द कर दिया गया है और इस बात का पता लगाया जा रहा है कि यह कैसे हुआ।

इस बीच, टोरंटो सन ने अपने वेबसाइट पर अटवाल के साथ टड्रो की पत्नी सोफी टड्रो और आधारभूत ढांचा मामलों के मंत्री अमरजीत सोढ़ी की तस्वीर प्रकाशित की है।

तस्वीर के साथ जारी वेबसाइट की स्टोरी के अनुसार अटवाल की सोफी टड्रो के साथ तस्वीर पुष्टि करती है कि वह इस सप्ताह टड्रो के प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत में है। अटवाल ने भारतीय मूल की एक सांसद सोनिया सिद्धू के साथ भी तस्वीर खिंचवाई है।

अटवाल वर्ष 1986 में पंजाब के तत्कालीन मंत्री मल्कियत सिंह सिद्धू की हत्या की कोशिश करने का दोषी है। सिद्धू अपने किसी परिजन की शादी में कनाडा गए हुए थे।

सन की रिपोर्ट के अनुसार जसवाल समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर 20 साल की सजा सुनाई गई थी। अटवाल ने हालांकि अपनी सजा पूरी नहीं की, क्योंकि कनाडा सुरक्षा खुफिया सेवा (सीएसआईएस) ने वारंट प्राप्त करने के लिए गलत तरीके से सबूत जुटाया था।

अटवाल पूर्व में एक आतंकवादी समूह इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन (आईएसवाईएफ) का सदस्य रह चुका है। यह संगठन कनाडा में प्रतिबंधित है और 2003 में इसे आतंकवादी संगठन घोषित किया गया था।

यह विवाद ऐसे समय सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की ओर से टड्रो के फीके स्वागत के कयास लगाए जा रहे हैं। टड्रो यहां की आठ दिवसीय यात्रा पर हैं, जो 17 फरवरी से शुरू हुई थी।

आगंतुक प्रतिनिधिमंडल और उनके परिजनों ने आगरा, अहमदाबाद, मुंबई और अमृतसर का दौरा किया लेकिन मोदी ने अब तक एक भी स्वागत बयान या ट्वीट नहीं किया है।

अहमदाबाद में भी मोदी, टड्रो के साथ नहीं दिखे, वहीं अमृतसर में भी अंतिम समय में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की उनके साथ मुलाकात की व्यवस्था की गई। बैठक के दौरान, सिंह ने कनाडा में स्थित ऐसे नौ लोगों के नाम टड्रो को सौंपे जो पंजाब में वित्तीय सहायता भेज घृणा आधारित अपराध करवाने,आतंकवादी गतिविधि के लिए हथियार भेजने और राज्य के युवा व बच्चों को कट्टर बनाने में संलिप्त हैं।

हाल के दिनों में ओटावा और नई दिल्ली के बीच संबंधों के गर्माहट में कमी आई है। कनाडा को हाल के दिनों में स्वतंत्र खालिस्तान की मांग करने वाले आतंकवादियों को मंच मुहैया कराते देखा गया है। मोदी और टड्रो शुक्रवार को द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।