इलाहाबाद। ग्यारह साल पुराने गोरखपुर दंगे मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को राहत दे दी है। अदालत ने मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ दायर याचिका को खारिज करते हुए योगी पर मुकदमा नहीं चलाने का आदेश दिया है। साथ ही इस मामले की फिर से जांच कराने की अपील को भी खारिज कर दिया है।
याचिकाकर्ता परवेज परवाज की ओर से दायर याचिका में योगी आदित्यनाथ पर मुकदमा चलाने से इनकार करने के सरकारी आदेश की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी। इस मामले में न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और एसी शर्मा की खंडपीठ ने लंबी सुनवाई के बाद 18 दिसंबर को निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
हाईकोर्ट ने गुरुवार को सीएम योगी के खिलाफ 2007 में गोरखपुर के दंगे को भड़काने के आरोप में मुकदमा चलाने से इनकार कर दिया। साथ ही सीबीआई जांच की मांग भी खारिज कर दी।
न्यायाधीश कृष्ण मुरारी और एसी शर्मा के इस आदेश से योगी के साथ ही तत्कालीन मेयर अंजू चौधरी, विधायक राधा मोहन अग्रवाल व अन्य को राहत मिल गई है।
गौरतलब है कि वर्ष 2008 में मोहम्मद असद हयात और परवेज ने दंगों में एक व्यक्ति की मौत के बाद सीबीआई जांच को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में में योगी के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 153, 395 और 295 के तहत जांच की मांग की गई थी। इसके बाद जांच सीबी-सीआईडी ने की।
लेकिन तत्कालीन सपा सरकार की ओर से अनुमति नहीं मिलने के कारण सीबी-सीआईडी ने तत्कालीन सांसद योगी के खिलाफ कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की थी। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की थी। उन्हें अब निराशा हाथ लगी है।