सबगुरु न्यूज-सिरोही। सिरोही जिले के किसानों से केन्द्र सरकार और राज्य सरकार ने दोहरा धोखा किया है। प्रधानमंत्री कृषि बीमा योजना के तहत पूरी तरह से खराब हुई फसल के क्लेम की एक चैथाई राशि के रूप में सौ-सौ रुपये दिए हैं, ऐसे में इन किसानों को पूरी तरह से बर्बाद फसल के लिए बीमा की राशि चार से पांच सौ रुपये मिलेगी। वहीं मुख्यमंत्री के बजट में ऋण माफी के लिए जो घोषणा की है, उससे जिले के 65 प्रतिशत किसान वंचित रह गए हैं। पूर्व विधायक संयम लोढा ने यह आरोप डाक बंगले में आयोजित पत्रकार वार्ता में लगाए।
लोढा ने बताया खरीफ 2017 की फसल के में अतिवृष्टि के दौरान सौ प्रतिशत खराबा हुआ। गिरदावरी और सर्वे के बाद जिले के करीब 13 हजार 938 किसानों की बीमित बाजरा, मक्का, मूंग, ग्वार, मूंगफली आदि की फसल का बीमा कम्पनी को 52 करोड रुपये का क्लेम भेजा गया है। इन किसानों के नुकसान के क्लेम की राशि की 25 प्रतिशत राशि इनके खातों में आ चुकी है।
इनमें से करीब 3200 किसानों के यह राशि एक हजार रुपये से भी कम आई है। कइयों के तो एक सौ दस रुपये ही आई है। इनके खातों में आई राशि का तीन गुना राशि ही अब इन्हें और मिलेगी। ऐसे में केन्द्र सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता उजागर हो रही है।
उन्होंने कहा कि यह कैसे संभव है कि किसी किसान की पूरी फसल तबाह हो गई है और उसके द्वारा खेत में बोई गई फसल का कुल मूल्य मात्र एक हजार रुपये से भी कम हो। उन्होंने कहा कि इन किसानों को फसल बीमा के लिए भरे गए प्रिमियम से भी कम राशि क्लेम में दी जा रही है।
यह किसानों के साथ नाइंसाफी है। उन्होंने कहा कि सात महीने बाद तो पूरी की पूरी राशि इन किसानों खातों में आ जानी चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।जिले का कुल क्लेम 57 करोड रुपये का था, इस क्लेम की 25 प्रतिशत राशि के रूप में 4.59 करोड रुपये ही आया है। एक ही गांव में एक ही फसल के लिए समान नुकसान के लिए अलग-अलग क्लेम भी दिया गया है।
कालन्द्री सोसायटी के अंदर कालन्द्री, मोहब्बत नगर, मडिया, मेर मांडवाडा और मडिया के किसी भी किसान के क्लेम की राशि ही नहीं आई है। उन्होंने कहा कि किसनों के हित के लिए किसी भी स्तर पर कोई माॅनीटरिंग नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि 2016 में भी यही स्थिति थी। मोहब्बत नगर सोसायटी के 331 लोगों को क्लेम भेजे थे, सिर्फ 55 किसानों के ही क्लेम आए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य की वसुंधरा राजे सरकार ने अपने बजट में जो किसानों के ऋण माफी के लिए जो घोषणा की है उससे सिरोही के सिर्फ 30 से पैंतीस प्रतिशत किसानों को ही लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि जिले में 59 हजार 608 किसानों पर 582 करोड रुपये का ऋण है।
इसमें से नेशनल और ग्रामीण बैंकों से करीब 357 करोड रुपये का ऋण लेने वाले किसानों को कोई लाभ नहीं मिलेगा। को-आॅपरेटिव बैंक से भी जिले के किसानों पर 225 करोड रुपये का ऋण है। इनमें से भी बजट घोषणा की राशि के अनुसार 75 करोड रुपये से ज्यादा का ऋण माफ नहीं हो पाएगा क्योंकि शेष किसाना लघु सीमांत किसानों की श्रेणी में नहीं आते हैं। लोढा ने मांग की कि राज्य सरकार सभी किसानों के ऋण माफ करे और फसल बीमा के क्लेम में हुई नाइंसाफी को दूर करे।
सिरोही केन्द्रिय सहकारी बैक के निदेशक खीमसिंह राठौड ने कहा कि राज्य सरकार 7 महिने बीतने के बाद भी खरीफ फसल 2017 का सिर्फ 25 फीसदी मुआवजा दे रही है। इससे किसानो को भारी दिक्कत का सामना करना पड रहा है। सर्वे के तत्काल बाद सम्पूर्ण भुगतान कर दिया जाना था।
देते है इतना प्रिमियम
लोढा ने बताया कि प्रधानमंत्री बीमा योजनान्तर्गत बीमा कम्पनी को प्रति हैक्टर प्रीमियम के रूप में बाजरे में 2025 रूपये, उडद 2026 रूपये अरण्डी 9083 रूपये, कपास में 1307 रूपये, मुंगफली में 1526 रूपये, ग्वार 7088 रूपये, मक्का 3555 रूपये, मुंग में 3551 व तिल 5903 रूपये दिये जाते है। इसमें केन्द्र सरकार, राज्य सरकार व किसान का अंश होता है।
लोढा ने बताया कि खरीफ फसल 2017 प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 25 प्रतिशत मुआवजे के रूप में मक्का की फसल करने वाले चनार के जेता पुत्र वागा को 110 रूपये मुआवजे के रूप में प्राप्त हुए है। इसी तरह मुंग की फसल करने वाले सिरोही के पुनाराम पुत्र भोमाजी को 157 रूपये मुआवजे के रूप में जारी किये गये है। इसी तरह तिल की फसल करने वाले माकरोडा के खेताराम पुत्र शकरलाल को 162 रूपये फसल मुआवजे के रूप में प्राप्त हुए है।
बाजरे की फसल करने वाले बीकनवास के ओटाराम पुत्र वेलाराम को 164 रूपये मुआवजे के रूप में प्राप्त हुए है। इसी तरह तिल की फसल करने वाले भूतगांव के शंकर पुत्र रमणलाल मुआवजे के रूप में 186 रूपये प्राप्त हुए है। इसी तरह ग्वार फसल करने वाले हरिसिंह पुत्र शम्भुसिंह को मुआवजे के रूप में 256 रूपये प्राप्त हुए है। इसी तरह मुंगफली की फसल करने वाले छोगाराम पुत्र गमनाजी को 351 रूपये प्राप्त हुए है।