SABGURU NEWS | जयपुर, राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामेश्वर डूडी ने नोखा पेयजल योजना को निरस्त करने में राजनीतिक भेदभाव बरतने का आरोप लगाते हुये राज्य सरकार को जमकर घेरा।
विधानसभा के प्रश्नकाल में कांग्रेस विधायक भंवर सिंह के बीकानेर जिले के गांवों को इंदिरा गांधी नहर से पेयजल की आपूर्ति किये जाने के सवाल पर पूरक प्रश्न करते हुये श्री डूडी ने कहा कि राज्य सरकार ने राजनैतिक द्वेषता के कारण पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत जलप्रदाय योजनाओं को निरस्त कर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को निरस्त की गयी इस योजना के कारणों के साथ ही पेयजल संकट से जूझ रही क्षेत्र की जनता के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की भी जानकारी देनी चाहिये।
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री सुरेन्द्र गोयल ने पेयजल योजनाओं में राजनैतिक भेदभाव करने के आरोपों को निराधार बताते हुये कहा कि 99 करोड़ रुपए की नोखा पेयजल योजना को पूर्ववर्ती सरकार के समय लाया गया था। इस कार्य के लिए निविदा दर 391.3 करोड़ रुपए आई, जो कि कार्य की राशि से 21.14 फीसदी अधिक थी। उन्होंने कहा कि नेगोसिएशन के बाद भी कार्य के लिए 9 प्रतिशत अधिक निविदा दर आई। उन्होंने कहा कि एल वन और एल टू से बात करने के बाद भी जब कार्य की राशि ज्यादा पाई गई तो इस योजना को निरस्त किया गया।
उन्होंने कहा कि मंत्रीमंडलीय समिति द्वारा विभाग की कुल 46 योजनाओं की समीक्षा की गई उनमें से 26 योजनाएं जो शुरू नहीं हुई थी उन्हें निरस्त किया गया।
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श्री गोयल ने कहा कि बीकानेर जिले की तहसील बीकानेर एवं नोखा के दो शहर क्रमशः नोखा एवं देशनोक तथा 146 ग्रामों को इंदिरा गांधी नहर-नागौर लिफ्ट परियोजना से लाभान्वित करने के लिए बनाई गई योजना की प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृति विभागीय नीति निर्धारण समिति की द्वारा 30 मई 2013 को 399.07 करोड़ रुपए की जारी हुई थी। उन्होंने कहा कि गत सरकार के कार्यकाल के अंतिम छह महीनों में लिए निर्णयों की समीक्षा के लिए गठित मंत्रीमंडलीय समिति द्वारा इस परियोजना सहित 26 परियोजनाओं की स्वीकृति को निरस्त करने का निर्णय 10 अक्टूबर, 2014 को लिया गया।
उन्होंने कांग्रस विधायक भंवर सिंह के प्रश्न का जवाब देते हुये स्वीकार किया कि क्षेत्र की दो जल प्रदाय योजनाओं के लिये डाली जा रही पाईप लाईन बार बार क्षतिग्रस्त हो रही है। उन्होंने कहा कि इसके लिये सक्षम अधिकारी से जांच करायी जायेगी और इसके लिये दोषी पाये जाने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।
उन्होंने कहा कि बीकानेर के कोलायत तहसील के बांगडसर-बीसनोक के 9 गांव और 8 ढाणियों और नगरासर-सेवड़ा के 6 गांव और 21 ढाणियों के लिए पेयजल उपलब्ध कराने के लिये दूरी से पाइप लाइनों के जरिए पेयजल पहुंचाया जाता है। पाइप लाइनों के क्षतिग्रस्त होने पर लाइनों को तुरंत सही करवाया जाता है।
उन्होंने कहा कि बीकानेर तहसील के 43 ग्रामों को नहरी जल स्रोत से लाभान्वित करने की योजना के प्रथम चरण में 14 गांवों को 2015 से ही पेयजल योजना से लाभान्वित किया जा रहा है। शेष 29 गांवों के लिए आगामी 6 महीनों में डीपीआर तैयार करवाने के बाद इसका तकनीकी परीक्षण करवाया जाएगा और वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार कार्यवाही की जााएगी।
उन्होंने कहा कि नागौर लिफ्ट वृह्द पेयजल परियोजना की स्वीकृति में बीकानेर जिले के इन कस्बों एवं ग्रामों के लिए वर्ष 2045 की जल मांग के अनुसार नहरी जल देशनोक हैडवर्क्स पर कलस्टर वितरण प्रणाली द्वारा पेयजल उपलब्ध कराने की योजना पर वित्तीय संसाधनों की उपलब्धतानुसार स्वीकृति एवं क्रियान्वयन बाबत अग्रिम कार्यवाही अपेक्षित है।
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