नई दिल्ली। विनिर्माण और कृषि क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन के बावजूद दूसरे क्षेत्रों में आई तेजी के बल पर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में देश का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत पर पहुंच गई जिससे मार्च में समाप्त हो रहे इस वित्त वर्ष में आर्थिक गतिविधियों के 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान लगाया गया है।
केन्द्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा बुधवार को जारी आंकड़ों के अनुसार चालू वित्त वर्ष की पहली और दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर क्रमश: 5.7 प्रतिशत और 6.5 प्रतिशत रही है और तीसरी तिमाही में इसके बढ़कर 7.2 प्रतिशत पर पहुंचने से चालू वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर के 6.6 प्रतिशत पर पहुंचने की संभावना जताई गई है। पहले इसके 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था। वर्ष 2016-17 में यह 7.1 प्रतिशत रहा था।
उल्लेखनीय है कि नोटबंदी की वजह से पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से आर्थिक गतिविधियां सुस्त पड़ी थी और चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की शुरूआत में एक जुलाई से वस्तु एवं सेवा कर के लागू किए जाने से इस पर और अधिक दबाव बना था जिसके कारण आर्थिक गतिविधियां मंद पड़ गई थी। अब इसमें तेजी आने लगी है लेकिन विनिर्माण गतिविधियां अभी भी सुस्त बनी हुई है।
सीएसओ द्वारा चालू वित्त वर्ष के लिए जारी द्वितीय अग्रिम अनुमान तीसरी तिमाही में जिन क्षेत्रों का प्रदर्शन बेहतर रहा है और जिनकी वृद्धि दर 7.0 प्रतिशत से अधिक रही है उनमें लोक प्रशासन, रक्षा और अन्य सेवाएं, व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से जुड़ी सेवायें, बिजली, गैस , जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवायें, वित्तीय, रियल एस्टेट और पेशेवर सेवाएं शामिल है। जिनका प्रदर्शन कमजोर रहा है उनमें कृषि, वानिकी और मत्स्यपालन, खान एवं खनन, विनिर्माण और निर्माण शामिल है।
आर्थिक गतिविधियों में महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र पटरी पर नहीं आता दिख रहा है। द्वितीय अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि वर्ष 2016-17 में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 7.9 प्रतिशत रही थी जिसके चालू वित्त वर्ष में गिरकर 5.1 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।
चालू वित्त वर्ष में कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.0 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह 6.3 प्रतिशत रही थी। इसी तरह से पशुधन उत्पाद, वानिकी और मत्स्यपालन क्षेत्र की वृद्धि दर के 5.1 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। खान एवं खनन क्षेत्र का प्रदर्शन भी निराशाजनक रहने का अनुमान है। गत वित्त वर्ष में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 13.0 प्रतिशत रही थी जिसके चालू वित्त वर्ष में गिरकर 3.0 प्रतिशत पर आने का अनुमान है।
बिजली, गैस, जलापूर्ति और अन्य यूटिलिटी सेवाओं के भी कमाजाेर प्रदर्शन की संभावना जताई गयी है। बयान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में इन क्षेत्रों की वृद्धि दर 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि पिछले वित्त वर्ष में यह दर 9.2 प्रतिशत रही थी।