नई दिल्ली। सरकार ने कर्मचारी चयन आयोग की भर्ती परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने के मामले की केंद्रीय जांच ब्यूरो से जांच कराने का आदेश देते हुए विरोध-प्रदर्शन कर रहे परीक्षार्थियों से आंदोलन समाप्त करने को कहा है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को संसद भवन परिसर में मीडिया से बातचीत में कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग पूरी हो गई है। मामले की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए गए हैं। हम उम्मीद करते हैं कि छात्र अब प्रदर्शन वापस ले लेंगे।
इससे पहले रविवार को एसएससी ने संयुक्त स्नातक स्तरीय (चरण-दो) परीक्षा 2017 का प्रश्न-पत्र कथित तौर पर लीक होने की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने की सिफारिश करने का फैसला किया था। सोशल मीडिया पर प्रश्नपत्र लीक होने की बात वायरल होने के बाद एक सप्ताह से परीक्षार्थी राष्ट्रीय राजधानी में विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे।
सिंह ने कहा कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे छात्रों को अपने घर वापस जाना चाहिए और सीबीआई जांच के परिणाम का इंतजार करना चाहिए।
भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में पार्टी सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल सुबह सिंह से मिला और उन्हें मामले की सीबीआई जांच के आदेश देने के लिए धन्यवाद दिया। प्रतिनिधिमंडल में उदित राज, प्रवेश वर्मा और निशिकांत दुबे भी शामिल थे।
तिवारी ने बताया कि 17 से 22 फरवरी के बीच हुई सभी परीक्षाओं की जांच की जाएगी। सरकार भ्रष्टाचार बिल्कुल सहन नहीं करने की नीति के साथ काम कर रही है और इतनी जल्दी सीबीआई जांच के आदेश देना उसकी पुष्टि करता है।
सैकड़ों परीक्षार्थी यहां एसएससी के कार्यालय पर इस महीने की 27 तारीख से विरोध प्रदर्शन करते हुए मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने के मामले में परीक्षा का आयोजन करने वाली निजी संस्था पर आरोप लगाया है।
प्रश्नपत्र लीक होने का स्क्रीन शॉट सोशल मीडिया पर वायरल होने से यह मामला प्रकाश में आया। इसके बाद देश भर में इस पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे मामले की जांच सीबीअाई से कराने की मांग का समर्थन किया था जबकि कांग्रेस ने इसे दूसरा व्यापमं बताया है।
कार्मिक मंत्रालय जितेंद्र सिंह ने भी छात्रों से प्रदर्शन वापस लेने की अपील की है। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रदर्शनकारी छात्रों की मांग स्वीकार कर ली है। छात्र समझदार हैं और लिखित सूचना के लिए कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी होती हैं जिसमें कुछ समय लगता है। उम्मीद है कि छात्र यह समझते हुए अपना प्रदर्शन अब वापस ले लेंगे।
छात्रों का आरोप है कि आनलाइन होने वाली इस परीक्षा में न तो छात्र और न ही परीक्षक तक को कलम अथवा मोबाइल अंदर ले जाने की अनुमति थी। इसके बावजूद सोशल मीडिया पर परीक्षा के दौरान ही प्रश्न पत्र का स्क्रीन शाॅट वायरल हो गया था।
प्रदर्शनकारी एक छात्र ने कहा कि हम सिंह का इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की मंजूरी देने के लिए स्वागत करते हैं और जब तक लिखित सूचना नहीं जारी हो जाती हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे। छात्र का कहना है कि हम यह देखना चाहेंगे कि क्या हमारी मांग पूरी हुई है अथवा नहीं। इसके सामने आने के बाद ही आंदोलन समाप्त किया जाएगा।