दरभंगा। बिहार में दरभंगा की एक अदालत ने 75 करोड़ रूपए की रंगदारी की मांग को लेकर दो वर्ष पूर्व हुए बहुचर्चित दोहरे अभियंता हत्याकांड के मामले में आज दस आरोपियों को आजीवन कारावास के साथ ही अर्थ दंड की भी सजा सुनाई है।
अपर लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रूपेश देव ने यहां इस मामले में दोषी कुख्यात अपराधी संजय लाल देव, मुकेश पाठक, संतोष झा, विकाश झा, निकेश दूबे, अभिषेक झा, पिंटू लाल देव, मुन्नी देवी, पिंटू तिवारी और पिंटू झा को यह सजा सुनाई है।
सिंह ने बताया कि इसके साथ ही न्यायालय ने छह दोषियों को 20-20 हजार तथा चार को 15-15 हजार रूपए का अर्थ दंड भी लगाया है। अर्थ दंड की राशि नहीं देने पर दोषियों को एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भी भुगतनी होगी।
अदालत ने इस मामले के आरोपी ऋृषि झा, सुबोध दूबे, अंचल झा और टून्ना झा को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। इस मामले की स्पीडी ट्रायल के तहत चल रही सुनवाई 26 फरवरी को पूरी हो गई थी और बुधवार को सजा के बिंदू पर फैसला सुनाया गया। पहली बार वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की गई है।
क्या था मामला
गौरतलब है कि 26 दिसम्बर 2015 को साढ़े सात सौ करोड़ रुपए की सड़क निर्माण की योजना में दस प्रतिशत रंगदारी की मांग की गई थी और नहीं देने पर निर्माण कार्य में लगे निजी कम्पनी के अभियंता मुकेश कुमार और ब्रजेश कुमार की अपराधियों ने दिन दहाड़े अत्याधुनिक हथियार से गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस सिलसिले में जिले के बेहड़ी थाना में कुख्यात मुकेश पाठक, विकास झा एवं अन्य अपराधियों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।