नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली के मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ कथित बदसलूकी मामले में गिरफ्तार देवली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जरवाल की सशर्त जमानत मंजूर करने के साथ ही उन्हें चेताया भी वह भविष्य में ऐसी किसी गैर-कानूनी गतिविधि में शामिल होने से बचें, अन्यथा उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।
गत 19 फरवरी की मध्य रात्रि को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर मुख्य सचिव के साथ कथित बदसलूकी मामले में प्रकाश जरवाल को 20 फरवरी को गिरफ्तार किया गया था और वह तब से न्यायिक हिरासत में थे।
न्यायाधीश मुक्ता गुप्ता ने प्रकाश जरवाल की जमानत याचिका शुक्रवार को मंजूर की। जरवाल 50 हजार रुपए निजी बांड और इतनी ही राशि के दो मुचलकों पर जमानत दी गई है।
न्यायाधीश गुप्ता ने जमानत याचिका स्वीकार करते हुए स्पष्ट किया कि यदि जरवाल ने स्वयं अथवा किसी अन्य के माध्यम से अंशु प्रकाश के कानूनी रूप से किए जा रहे कामकाज में बाधा पहुंचाई अथवा उन्हें प्रताड़ित किया तो मुख्य सचिव और दिल्ली पुलिस जमानत रद्द कराने के आग्रह के लिए पात्र होंगे। न्यायालय ने जरवाल को यह भी चेतावनी दी है कि वह किसी भी तरह से गवाहों को प्रभावित करने अथवा साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का प्रयास नहीं करेंगे।
एकल पीठ ने कहा जरवाल के खिलाफ सरकारी कर्मचारी के साथ बदसलूकी करने का यह तीसरा मामला है। यदि भविष्य में वह फिर इस तरह की गतिविधि में शामिल पाए गए तो उनको दी गई जमानत रद्द करने लायक होगी।
न्यायाधीश गुप्ता ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह न्यायालय की पूर्वानुमति के बिना देश से बाहर नहीं जा सकते और घर का पता बदलने की स्थिति में उन्हें संबंधित अदालत को हलफनामा देकर जानकारी देनी होगी।