नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड का संचालन देख रही प्रशासकों की समिति (सीओए) ने उच्चतम न्यायालय से आग्रह किया है कि बीसीसीआई के चुनाव तत्काल कराए जाएं।
सीओए ने उच्चतम न्यायालय से कहा है कि क्रिकेट बोर्ड के चुनाव जल्द से जल्द होने चाहिए ताकि उसके पदाधिकारी अपने पदों पर बने रहने का फायदा न उठा पाएं क्योंकि उन्होंने लोढा समिति की सिफारिशों को लागू करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले का पालन भी नहीं किया है।
सीओए के प्रमुख विनोद राय ने कहा कि बीसीसीआई के मौजूदा नियमों के अनुसार उसके तीन पदाधिकारियों का कार्यकाल एक मार्च को समाप्त हो चुका है और उन्हें तत्काल बदला जाना चाहिए।
सीओए ने पिछले वर्ष के आखिरी महीनों में बीसीसीआई के नए संविधान को लेकर अंतिम ड्राफ्ट अदालत में सौंपा था लेकिन पिछले कुछ महीनों में इस मामले की कोई सुनवाई नहीं हो सकी।
समझा जाता है कि नवगठित बेंच मार्च के अाखिर में इस मामले की सुनवाई कर सकती है। बोर्ड के मौजूदा संविधान के अनुसार वार्षिक आम बैठक बीसीसीआई के अध्यक्ष द्वारा बुलाई जाती है जिसमें चुनाव होता है लेकिन बीसीसीआई के पदाधिकारियों, अधिकतर बोर्ड सदस्यों और कई राज्य संघों ने लोढा समिति की सिफारिशों को लागू नहीं किया जिसके कारण 2016 से एजीएम नहीं हो पाई है।
बीसीसीआई के मौजूदा पदाधिकारियों में कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना, कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष शामिल हैं। बीसीसीआई ने 22 मई 2016 को अपने आखिरी चुनाव आयोजित किए थे। बीसीसीआई की आखिरी एजीएम 21 सितंबर 2016 को आयोजित हुई थी।
सीओए ने अदालत से कहा है कि या तो वह चुनाव अधिकारी नियुक्त कर दे या उसे नियुक्त करने के लिए अधिकृत करे ताकि विभिन्न पदों के लिए योग्य प्रशासकों को चुना जा सके।