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त्रिपुरा में लाल राजनीति का हुआ पटाक्षेप, फिज़ां में छायी भगवा लहर - Sabguru News
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त्रिपुरा में लाल राजनीति का हुआ पटाक्षेप, फिज़ां में छायी भगवा लहर

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त्रिपुरा में लाल राजनीति का हुआ पटाक्षेप, फिज़ां में छायी भगवा लहर
Biplab Deb Takes Oath As Tripura Chief Minister
Biplab Deb Takes Oath As Tripura Chief Minister
Biplab Deb Takes Oath As Tripura Chief Minister

अगरतला। त्रिपुरा भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब देब ने शुक्रवार को राज्य के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथग्रहण की और इसी के साथ वामपंथ के सबसे मज़बूत गढ़ रहे इस राज्य में करीब चौथाई सदी पुराना मार्क्सवादी युग का पटाक्षेप हो गया।

राजधानी अगरतला में दोपहर करीब सवा बारह बजे असम राइफल्स के मैदान में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरलीमनोहर जोशी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में राज्यपाल तथागत रॉय ने देब को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। उनके साथ ही वरिष्ठ आदिवासी नेता जिष्णुदेव बर्मन ने उप मुख्यमंत्री के रूप में और सात अन्य मंत्रियों ने भी पद एवं गोपनीयता की शपथ ली।

देब के साथ शपथ लेने वाले अन्य मंत्रियों में एनसी देवबर्मा (इंडीजीनियस पीपुल्स फ्रंट), रतनलाल नाथ (भाजपा), सुदीप रॉयबर्मन (भाजपा), प्रसेनजीत सिंहरॉय (भाजपा), मनोज कांति देब (भाजपा) मेबेर के जमातिया (आईपीएफटी) और एकमात्र महिला एवं सबसे युवा चेहरे के रूप में सुश्री शांतना देवबर्मा शामिल हैं।

पार्टी सूत्रों के अनुसार त्रिपुरा मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री समेत 12 सदस्य हो सकते हैं और आज मुख्यमंत्री समेत नौ सदस्यों ने शपथ ग्रहण की है। तीन मंत्री बाद में बनाए जाने की गुंजाइश रखी गई है।

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शपथग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री माणिक सरकार भी शामिल हुए। वह आडवाणी एवं डॉ. जोशी के बीच में विराजमान थे। शपथग्रहण समारोह संपन्न होने के बाद मोदी ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगियों के साथ तस्वीरें खिंचवायीं और नवनिर्वाचित विधायकों से उनके स्थान पर जाकर मुलाकात की। बाद में मोदी माणिक सरकार से भी गर्मजोशी से मिले।

शपथग्रहण कार्यक्रम पूरा होने पर राज्यपाल तथागत रॉय ने मंच के प्रस्थान किया। इसके बाद मोदी जब सरकार को ससम्मान मंच से विदा करने आए तो नए मुख्यमंत्री ने आगे बढ़कर मंच पर सार्वजनिक रूप से अपने पूर्ववर्ती के पूर्ण श्रद्धावनत होकर पैर छुए तो सभास्थल पर जनता की तालियों की गड़गड़ाहट और लोगाें की हर्षध्वनि गूंज गई।

मंच पर मध्यप्रदेश के सतना से सांसद गणेश सिंह भी मौजूद थे जिनके सहायक के रूप में देब ने करीब आठ साल काम किया था और उसी के बाद उन्होंने करीब तीन साल पहले त्रिपुरा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने की चुनौती स्वीकार की थी।

इस मौके पर मोदी ने अपने संक्षिप्त संबोधन में त्रिपुरा की जनता को विश्वास दिलाया कि उनके सपनों, आशाओं एवं आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए वह उतनी ही ताकत लगाएंगे जितनी त्रिपुरा की जनता और सरकार लगा रही है। उन्होंने कहा कि त्रिपुरा को मॉडल राज्य बनाने के लिए केन्द्र सरकार हरसंभव मदद देगी। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार की प्राथमिकता विकास और सुशासन है।

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उन्होंने युवा मुख्यमंत्री देब एवं उनके मंत्रिमंडल के युवा साथियों के जोश, उत्साह एवं उमंगों की सराहना करते हुए विपक्ष में आई मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से भी सहयोग की अपील की और कहा कि विपक्ष में चुन कर आए लोगों का सेवा में अनुभव बहुत लंबा है जबकि नई सरकार की नई टीम उम्र में छोटी है। अगर विपक्ष का अनुभव और सत्तापक्ष का उत्साह, उमंग दोनों शक्तियां मिल जाएं तो त्रिपुरा देखते ही देखते कहां से कहां पहुंच सकता है।

समारोह में आए मुख्यमंत्रियोंं में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेउफिउ रियो शामिल थे। केन्द्रीय मंत्रियों में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री एवं प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह, भाजपा महासचिव राम माधव, त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर भी मौजूद थे।