नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया मनी लांड्रिंग मामले में दिल्ली उच्च न्यायालय के अंतरिम आदेश को प्रवर्तन निदेशालय की ओर से चुनौती दिए जाने की आशंका के मद्देनजर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम ने उच्चतम न्यायालय में शनिवार को एक कैविएट दाखिल की।
कार्ति ने शीर्ष अदालत से आग्रह किया है कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ ईडी की अपील पर कोई एकतरफा आदेश सुनाए जाने से पहले उसका भी पक्ष सुना जाए।
इस मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अदालत में कार्ति का मुकदमा लड़ रहे वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी से जुड़े एक अधिवक्ता ने कैविएट दायर करने की पुष्टि की।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने ईडी के समन आदेश के खिलाफ कार्ति की याचिका पर अंतरिम आदेश सुनाते हुए ईडी को सुनवाई की अगली तारीख 20 मार्च तक जूनियर चिदम्बरम को गिरफ्तार करने से रोक दिया है।
गौरतलब है कि कार्ति इन दिनों सीबीआई की हिरासत में है। उसे गत 28 फरवरी को लंदन से लौटते वक्त चेन्नई हवाईअड्डे पर हिरासत में लिया गया था। पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार करके उसी दिन दिल्ली लाया गया था।
कार्ति के खिलाफ इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी के स्वामित्व वाली आईएनएक्स मीडिया में 350 करोड़ रुपये के विदेशी निवेश को लेकर गलत तरीके से विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी दिलाने का आरोप है।