रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों द्वारा एंटी लैण्ड माइन्स वाहन को उड़ाने की आज की घटना पहली नही है बल्कि इसका इतिहास रहा है। इसमें बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के जवानों की शहादत हुई है।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 2000 में राज्य गठन के बाद पहली घटना 2007 में बीजापुर जिले में हुई जिसमें नक्सलियों ने एंटी लैण्ड माइन्स को विस्फोट से उड़ा दिया था जिसमें केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 12 जवान शहीद हो गए थे।नक्सलियों ने इसी वर्ष बीजापुर जिले के गंगालूर में फिर एंटी लैण्ड माइन्स वाहन उड़ा दिया जिसमें सुरक्षा बलों के 16 जवान शहीद हो गए थे।
सूत्रों के अनुसार नक्सलियों ने इसके लगभग चार साल बाद दंतेवाड़ा जिले के कटे कल्याण इलाके में एंटी लैण्ड माइन्स वाहन को उड़ा दिया था जिसमें सात एसपीओ समेत 10 सुरक्षा कर्मियों की मौत हो गई थी। दंतेवाड़ा जिले में ही अप्रेल 15 में किरंदुल से चोलनार पुलिस कैम्प जा रहे एंटी लैण्ड माइन्स वाहन को विस्फोट से उड़ा दिया था जिसमें पांच जवान शहीद हो गए थे जबकि कई घायल हो गए थे।