अयोध्या। अयोध्या के हिन्दू और मुस्लिम पक्षकारों एवं धर्मगुरुओं ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले पर कल से हो रही सुनवाई अब निरंतर होनी चाहिए।
श्रीरामजन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष एवं मणिराम दास छावनी के महंत नृत्यगोपाल दास ने कहा कि कल से शुरू हो रहे रामजन्मभूमि विवाद की सुनवाई लगातार होनी चाहिये क्योंकि देश के सम्पूर्ण हिन्दू चाहता है कि अयोध्या में सौहार्द्रपूर्ण वातावरण में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बने। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम के जन्मस्थल पर पूजा और पाठ नित्य हो रहा है केवल मंदिर को भव्यता देनी है।
विवादित श्रीरामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सतेन्द्र दास ने आज कहा कि देश के उच्चतम न्यायालय में कल से होने वाली रामजन्मभूमि मामले की सुनवाई अब रुकनी नहीं चाहिये। उन्होंने कहा कि इसका निपटारा इसलिये अब आवश्यक हो गया है कि देश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे।
उन्होंने कहा कि जहां रामलला विराजमान हैं उसी स्थान पर भगवान राम का जन्मस्थान है। इसको उच्च न्यायालय ने भी अपने आदेश में कहा है। काफी समय से भगवान राम टाटपट्टी में हैं, इसलिये अब वहां मंदिर बनना आवश्यक हो गया है। मुख्य पुजारी ने कहा कि मुस्लिम पक्ष भी यही चाहता है कि राम मंदिर विवाद की सुनवाई अब लगातार होनी चाहिये ताकि इसका निर्णय समय से आ सके और देश में सौहार्द्र बना रहे।
दिगम्बर अखाड़ा के महंत सुरेश दास ने कहा कि उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कह दिया है कि जहाँ रामलला विराजमान हैं वह भगवान राम की जन्मभूमि है। अब देश के सर्वोच्च न्यायालय का फैसला आने पर वहां भगवान राम का मंदिर भव्य रूप से बन सके। उन्होंने भी कहा कि इसकी सुनवाई अब निरन्तर होनी चाहिए।
महंत कौशल किशोर शरण दास ने कहा कि रामजन्मभूमि विवाद की निपटारा शीघ्र हो जाये जिससे देश में अमन-चैन बना रहे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस विवाद का निपटारा बातचीत से न होकर सुप्रीम कोर्ट से ही होगा।
मुद्दई बाबरी मस्जिद स्व. हाजी मोहम्मद हासिम अंसारी के उत्तराधिकारी एवं बाबरी मस्जिद के पक्षकार मोहम्मद इकबाल ने कहा कि रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद की हो रही कल से उच्चतम नयायालय की सुनवाई अब निरंतर होनी चाहिये जिससे देश में सौहार्द्र का वातावरण बना रहे और इससे दोनों पक्ष राजनीति न कर सकें। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि फैसला मेरे हक में आयेगा और यह देश के लिये एक मिसाल कायम होगी।
इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के प्रदेश अध्यक्ष डा. नजमुल हसन गनी ने कहा कि रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद की कल से शुरू हो रही सुनवाई अब निरंतर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब इस विवाद पर दोनों पक्षों से बातचीत नहीं होनी चाहिए।
डा. गनी ने कहा कि देश के मुसलमान यह काफी दिनों से कह रहे हैं कि उच्चतम न्यायालय का फैसला मान्य होगा इसलिये अब इस विवाद पर राजनीति नहीं होनी चाहिये। उन्होंने कहा कि श्री श्री रविशंकर इस विवाद को हल करना चाहते थे तो उनका व्यक्तिगत मकसद था कि वह चर्चा में बने रहें। वह अब चलने वाला नहीं क्योंकि अयोध्या के मुस्लिम धर्म गुरुओं ने ऐलान कर दिया है कि रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद का जो भी फैसला उच्चतम न्यायालय देगा हम सब मानने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने ने कहा कि इस विवाद पर अब कोई बातचीत नहीं होगी क्योंकि अयोध्या के मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एक स्वर में यह कह दिया कि अब इस मामले का निस्तारण अदालत ही करेगा और हम सबको मान्य होगा। उन्होंने कहा कि अदालत के फैसले से देश का लोकतंत्र मजबूत होगा और सौहार्दपूर्ण वातावरण भी बनेगा।
विश्व हिन्दू परिषद के प्रवक्ता शरद शर्मा ने विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) मुख्यालय कारसेवकपुरम् में कहा कि रामजन्मभूमि एवं बाबरी मस्जिद की सुनवाई उच्चतम न्यायालय में रुकनी नहीं चाहिये। उन्होंने कहा कि देश का हिन्दू समाज रामजन्मभूमि पर भी मंदिर निर्माण चाहता है और वह बनकर ही रहेगा।
गौरतलब है कि 30 सितम्बर 2010 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ विशेष पीठ के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद का मुकदमा लम्बित है। उच्च न्यायालय ने विवादित भूमि को तीन भागों में बांटकर रामलला, सुन्नी वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा को बराबर दिए जाने का आदेश दिया था।