गांधीनगर। गुजरात विधानसभा में बुधवार को हंगामे, गाली गलौज और माइक तोड़ कर हमले का प्रयास करने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष राजेन्द्र त्रिवेदी ने मुख्य विपक्षी कांग्रेस के दो विधायकों प्रदीप दुधात और अंबरीश डेर को तीन साल तथा बलदेवजी ठाकोर को एक साल के लिए निलंबित कर दिया।
उपमुख्यमंत्री नीतिन पटेल ने भाजपा विधायक जगदीश पांचाल पर माइक से हमले का प्रयास करने वाले कांग्रेस विधायक प्रदीप दुधात (पहले ही शेष बजट सत्र यानी 28 मार्च तक के लिए निलंबित) और विधानसभा अध्यक्ष के आसन की ओर अपशब्दों का उच्चारण करते हुए दौड़ने वाले कांग्रेस विधायक अंबरीश डेर (दिन भर के लिए निलंबित) को तीन-तीन साल तथा बाद में भाजपा विधायकों को कथित तौर पर धमकी देने वाले कांग्रेस विधायक बलदेवजी ठाकोर को एक साल के लिए सदन से निलंबित करने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव सदन में रखा। जिसे त्रिवेदी ने मंजूर कर लिया।
उन्होंने कहा कि सत्तापक्ष सजा मांगने में उदार है क्योंकि वह स्वयं पांच साल के निलंबन के पक्ष में थे। इस निर्णय के विरोध में कांग्रेस ने सदन से बर्हिगमन (वाक आउट) कर दिया। कांग्रेस का कहना था कि दुधात से गाली गलौज करने और कांग्रेस विधायकों को धमकी देने वाले भाजपा विधायक जगदीश पांचाल और हर्ष संघवी को भी तीन तीन साल के लिए निलंबित किया जाना चाहिए। पांचाल ने कहा कि अगर कांग्रेस यह साबित कर दे कि उन्होंने गाली गलौज की है तो वह सदन से त्यागपत्र दे देंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक जीतू वाघाणी ने कहा कि ऐसा कलंकित करने वाले बर्ताव के लिए वह समग्र रूप से कांग्रेस को दोषी मानते हैं। वह विधायकों को निलंबित करने तथा हर तरह की विधायी कार्यवाही और समितियों से दूर रखने के अध्यक्ष के निर्णय के लिए उनके आभारी है। उधर, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री भरतसिंह सोलंकी ने इस फैसले को अलोकतांत्रिक करार दिया।
ज्ञातव्य है कि प्रश्नोत्तर काल के दौरान जब स्वयंभू संत आसाराम बापू के आश्रम में कई वर्ष पूर्व दो बालकों की कथित बलि के मामले की जांच रिपोर्ट को सदन पटल पर रखने से जुड़ा एक प्रश्न दुधात ने उठाया था तभी नीतिन पटेल ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया। इस दौरान कांग्रेस विधायक विक्रम माडम ने अध्यक्ष से कुछ कहना चाहा। इसी बीच शोर शराबे के साथ डेर ने अध्यक्ष पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। तभी दुधात ने मेज से माइक उखाड़ ली और पांचाल पर हमले का प्रयास किया हालांकि उन्हें चोट नहीं आई।
शोर शराबे के बीच डेर अध्यक्ष के आसन की ओर तेज तेज बोलते हुए दौड़ने लगे तो सार्जेंट ने उन्हें काबू में किया। अध्यक्ष ने माडम को भी दिन भर के लिए सदन की कार्यवाही से निलंबित कर दिया। सदन की कार्यवाही भी स्थगित कर दी गई।
बाद में नेता प्रतिपक्ष परेश धानाणी ने आरोप लगाया कि 19 फरवरी को बजट सत्र शुरू होने के बाद से ही विपक्ष को बोलने नहीं दिया जा रहा है ताकि भाजपा सरकार के 22 साल के कुशासन की बातें उजागर न हो सकें। पिछले एक सप्ताह से अध्यक्ष बहाने ढूंढ कर कांग्रेस विधायकों को सामूहिक तौर पर निलंबित कर रहे हैं और पांचाल और हर्ष सिंघवी तथा भाजपा के कई अन्य विधायक सत्ता पक्ष के इशारे पर कांग्रेस विधायकों को भड़काने का प्रयास कर रहे थे।
इसी के तहत आज जब पांचाल ने दुधात को गालियां दी तो वह आपे से बाहर हो गए। उन्होंने कहा कि वह इस घटना की फिर भी निंदा करते हैं और उन्होंने अपने विधायकों को फटकार भी लगाई है पर भाजपा को भी पांचाल और संघवी समेत अन्य संबंधित विधायकों को फटकार लगानी चाहिए। इस घटना का वीडियो फुटेज भी सार्वजनिक किया जाना चाहिए ताकि लोगों को सच्चाई का पता लग सके।
अध्यक्ष को गुजरात विधानसभा की कार्यवाही का जीवंत प्रसारण भी शुरू कराना चाहिए। घटना के बाद भाजपा के विधायकों जिनमें एक मंत्री भी शामिल थे ने सदन के बाहर कांग्रेस विधायकों पर हमला किया और डराया धमकाया।
उधर, नीतिन पटेल ने कहा कि घटनाक्रम के फुटेज में साफ दिखता है कि कांग्रेस विधायकों ने बिना किसी उकसावे के यह सब किया। उन्होंने इसे विधानसभा के इतिहास पर इसे एक काला धब्बा करार दिया।
दुधात ने हालांकि दावा किया कि पांचाल ने उन्हें गाली दी थी और इसलिए वह आपा खो कर यह कर बैठे। उन्होंने कहा कि वर्षों पहले कांग्रेस की तत्कालीन सरकार के मुख्यमंत्री चिमनभाई पटेल पर विधानसभा में विपक्षी भाजपा के अशोक भट्ट ने हमला किया था।
इस बीच, घटना के दौरान पांचाल के पास ही रही और हमले में बाल बाल बचीं भाजपा के महिला विधायक नीमाबेन आचार्य ने दुधात के इस दावे को नकार दिया कि पांचाल ने उन्हें गाली दी थी।