अजमेर। राजस्थान के अजमेर में सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती के 806वें सालाना उर्स के अवसर पर रविवार को चांद रात होने के कारण सुबह जन्नती दरवाज़ा खोल दिया गया।
इसके बाद जन्नती दरवाजे से निकलकर आस्ताना शरीफ पहुंचकर जियारत करने की होड़ लग गई। देर शाम रजब का चांद दिखाई देने पर जन्नती दरवाजा अगले छह दिनों के लिए खुला रहेगा। चांद नहीं दिखने पर इसे रात में बंद कर सोमवार तड़के पुनः खोला जाएगा जो कुल की रस्म के बाद ही बंद होगा।
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साल में महत्वपूर्ण मौको पर चार बार खुलने वाले इस दरवाजे से निकलकर जियारत करने के पीछे मान्यता है कि इस दरवाजे से सात बार गुजरने वाले मुसलमान को जन्नत नसीब होती है।
ख्वाजा साहब के सालाना उर्स की गत 14 मार्च को परंपरागत झंडा चढ़ाने की रस्म के साथ ही अनौपचारिक शुरुआत हो गई थी। इसके बाद से दरगाह में उर्स की रौनक बढ़ने लगी है और चांद दिखाई देने पर छह दिवसीय उर्स विधिवत शुरू हो जाएगा।