अजमेर। राजस्थान में अजमेर रेल मंडल पानी की कमी के मद्देनजर जल संरक्षण के महत्व को साकार करने की दिशा में कुशल जल प्रबंधन के लिए व्यापक कदम उठा रहा है।
रेल मंडल प्रबंधक पुनीत चावला ने सोमवार को बताया कि मंडल ने पानी बचाने के उद्देश्य से नई जलनीति अपनाई है। उन्होंने राजस्थान राज्य शुष्क क्षेत्र है और यहां पानी की कमी के मद्देनजर इसके दुरुपयोग को रोकने एवं इसकी बचत करने की जरुरत बताते हुए कहा कि रेलवे प्रबंधन ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए जल प्रबंधन नीति को अंतिम रूप दिया है। जिसके तहत वर्ष 2030 तक रेलवे मे जल उपयोग को बीस प्रतिशत तक कम करना तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि इसके लिए रेलवे वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट, मैकेनाइज्ड लाँड्री तथा रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपनाया जा रहा है। अजमेर मंडल ने रेलवे की इस जल नीति के तहत काम करना शुरू कर दिया है तथा अजमेर मंडल पर जल संरक्षण के लिए चार लाख लीटर प्रतिदिन की क्षमता के वाटर रीसाइक्लिंग प्लांट स्थापित किया गया है।
उन्होंने बताया कि रेलवे ने जल नीति के तहत वृक्षारोपण के लिए भी लक्ष्य तय किए है। इसके तहत देश में अगले तीन वर्षों में पांच करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रेलवे पर्यावरण सुरक्षा के लिए कटिबद्ध है और रेलवे बोर्ड में पर्यावरण निदेशालय स्थापित किया गया है।