नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय ने बैंक धोखाधड़ी मामले में रिटेल चेन डिपार्टमेंट स्टोर कंपनी सुभिक्षा ट्रेडिंग सर्विस लिमिटेड के प्रबंध निदेशक आर सुब्रमण्यन द्वारा चेन्नई में फर्जी कंपनी बनाने को लेकर धन शोधन निराेधक अधिनियम के अंतर्गत 4.92 करोड़ की अचल संपत्ति को अचैट कर लिया है।
सूत्रों के अनुसार केंद्रीय जांच ब्यूरो की बेंगलूर स्थित बैंक सुरक्षा और धोखाधड़ी सेल द्वारा आरोप पत्र दाखिल करने और ईडी द्वारा आर सुब्रमण्यन के खिलाफ बैंक ऑफ बड़ोदा की चेन्नई की कॉरपोरेट फाइनेंसियल सर्विस ब्रांच को 77 करोड़ रुपए का चूना लगाने का मामला दर्ज करने के बाद यह कदम उठाया गया है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि तमिलनाडु पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने भी जमाकर्ताओं के साथ कथित तौर पर 150 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप मेें आर सुब्रमण्यन के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आर सुब्रमण्यन पर विश्वप्रिया फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक के रूप में जमाकर्ताओं के साथ यह धोखाधड़ी करने का आरोप है।
जांच में पाया गया सुभिक्षा और आर सुब्रमण्यन ने तमिलनाडु में बैंकरों के कंसोर्टियम से लिए ऋण की राशि नहीं चुकाई जो राशि ब्याज समेत 890 करोड़ रुपये है।
जांच पड़ताल के दौरान पता चला कि आर सुब्रमण्यन के पास चेन्नई में फर्जी कंपनियों के नाम पर दो आवासीय फ्लैट और एक कमर्शियल भूगर्भ है जिसकी कीमत 4.92 करोड़ आंकी गई। ईडी ने धन शोधन निरोधक अधिनियम के अंतर्गत इसे अटैच कर लिया है।