कांगड़ा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के नेता इंद्रेश कुमार ने कहा कि संघ राम मंदिर निर्माण में मुस्लिम समुदाय का सहयोग और समर्थन चाहता है।
कुमार ने यहां आरएसएस कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि संघ राम मंदिर निर्माण के लिए दो मोर्चों पर लड़ाई लड़ रहा है। पहला कानूनी और दूसरा वह हिंदू-मुस्लिम समुदायों के बीच अदालत के बाहर इस मुद्दे के सौहार्दपूर्ण हल के लिए प्रयासरत है ताकि राम जन्मभूमि पर बिना किसी हिंसा के मंदिर निर्माण किया जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि उच्चतम न्यायालय में इस समय मामले में सुनवाई रामजन्म भूमि न्यास और विवादास्पद भूमि काे लेकर है तथा इसमें बाबरी मस्जिद का कोई जिक्र नहीं है।
कुमार ने यहां आएसएस कार्यालय में कांगड़ा के विभिन्न हिस्सों से आए मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ बैठक की तथा उन्हें राम जन्म भूमि की तथ्यात्मक स्थिति और इसके इतिहास के बारे जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि राम जन्म भूमि को लेकर मुस्लिम समुदाय के समक्ष सही तस्वीर और सच्चाई रखने के लिये देश भर में अब तक 40 मुस्लिम सम्मेलन हो चुके हैं ताकि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का शांतिपूर्ण ढंग से हो सके।
कुमार ने कहा कि दुनियां भर में हजारों राम मंदिर हैं लेकिन राम जन्म भूमि पर राम मंदिर का निर्माण का अलग ही महत्व है। उन्होंने मुस्लिम समुदाय के लोगों को बताया कि इसी तरह विश्व में हजारों मस्जिदें हैं लेकिन मक्का में मस्जिद का अलग महत्व है। इसलिये अयोध्या में राम जन्म भूमि पर राम मंदिर का ही निर्माण होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास भी किये जा रहे हैं कि राम मंदिर से दूर कहीं एक बड़ी मस्जिद का निर्माण किया जाये जहां मुस्लिम समुदाय के लोग नमाज अता कर सकें। आरएसएस नेता ने कहा कि इससे पहले 74 बार राम मंदिर का निर्माण करने के प्रयास किए जा चुके हैं लेकिन हर बार हिंसा के कारण यह काम आगे नहीं बढ़ सका। लेकिन इस बार मुस्लिम समुदाय की आम सहमति से राम मंदिर निर्माण का रास्ता खोजा जा रहा है।