लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने पावर कार्पोरेशन द्वारा फरवरी में आयोजित अवर अभियन्ता भर्ती आॅनलाइन परीक्षा में मोटी रकम लेकर पर्चा लीक कर उसे हल (सोल्व) कराने वाले गिरोह के 12 सक्रिय सदस्यों को बुधवार को गिरफ्तार किया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन द्वारा पिछले माह अवर अभियन्ता भर्ती परीक्षा आॅनलाइन कराई गई थी।
परीक्षा में इलेक्ट्रानिक माध्यमों एवं पेपर लीक करके मोटी रकम लेकर प्रतियोगी परीक्षार्थियों के पेपर साल्व कराने वाले गिरोह के 12 सक्रिय सदस्यों में काकोरी निवासी प्रबन्धक जेके पब्लिक स्कूल कनौसी मानक नगर ज्ञानेन्द्र सिंह यादव, महाबीर प्रसाद डिग्री कालेज आलमनगर के प्रबंधक एवं मालिक डा अमित सिंह, आजमगढ़ निवासी संजय राजभर कर्मचारी महाबीर प्रसाद डिग्री कालेज, जेके पब्लिक कॉलेज एवं अन्य स्कूलों में कम्प्यूटर लैब स्थापित करने वाला बलिया निवासी दीपमणि यादव, अम्बेडकरनगर निवासी संजय कुमार जायसवाल, मऊ निवासी अभय यादव, देवरिया निवासी धीरेन्द्र वर्मा, लखनऊ निवासी परीक्षार्थी सैयद अफसर हुसैन, विपिन कुमार सिंह, इलाहाबाद निवासी राकेश कुमार, राम बाबू यादव और पेपर लीक कर गिरोह तक पहुंचाने वाला देवरिया निवासी संजय कुमार गौड़ को गिरफ्तार किया।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार लोगों के पास से 15 कम्प्यूटर सीपीयू, 12 मोबाइल फोन, एक लैपटाप, एक डोंगल, सात लाख 57 हजार की नगदी बरामद की गई। सिंह ने बताया कि पावर कार्पोरेशन द्वारा आयोजित अवर अभियन्ता भर्ती परीक्षा 2018 में धांधली एवं पक्षपात किए जाने की शिकायत पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव ने प्रकरण की जांच एसटीएफ से कराने की अपेक्षा की थी।
पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के निर्देश पर उन्होंने अपर पुलिस अधीक्षक विशाल विक्रम सिंह के नेतृत्व में पुलिस उपाधीक्षक सत्यसेन यादव, आलोक सिंह, तथा अमित कुमार नागर की विशेष जांच टीम गठित की गई। प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए जांच टीम ने पावर कारर्पोशन तथा परीक्षा सम्पन्न कराने वाली एजेन्सी एपटेक से प्रश्नगत परीक्षा का पूर्ण विवरण प्राप्त किया गया।
उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता अभ्यर्थियों से पूछताछ की गई तो परीक्षा में धांधली होने की बात प्रकाश में आई। इस परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 26000 अभ्यर्थियों के डाटा का स्टेटीस्टिकल विशलेषण किया गया। सूचना मिली कि इस सहायक समीक्षा अधिकारी, कार्यालय सहायक, अपर निजी सचिव आदि पदों पर भर्ती के लिए परीक्षाऐं विभिन्न तिथियों में विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर एपटेक द्वारा सम्पन्न कराई गईं।
इन परीक्षाओं में भारी धनराशि लेकर दो प्रकार से परीक्षा में एक पेपर लीक करके और दूसरा आन लाइन हैक करके गड़बड़ी की गई। सिंह ने बताया कि आॅनलाईन साल्व करने के लिए परीक्षा केन्द्र स्थित लैब के कम्प्यूटर में परीक्षा केन्द्र के मालिक एवं प्रबन्धक तथा लैब स्थापित करने वाले टैकनीशियन के माध्यम से साफ्टवेयर इंस्टाल किया गया और उसका आईडी एवं पासवर्ड साल्वर गिरोह को उपलब्ध कराकर आन लाइन प्रश्न पत्र साल्व कराकर अभ्यर्थियों को अनुचित लाभ प्रदान किया गया। कुछ अभ्यर्थियों को प्रश्न पत्र आन्सर के साथ उपलब्ध कराकर नकल कराई गई। अवर अभियन्ता के प्रत्येक अभ्यर्थी से 14-14 लाख रूपए लेने की बात प्रकाश में आई है।
उन्होंने बताया कि पकड़े गए अभ्यर्थियों ने गहराई से पूछताछ करने पर बताया कि उन्होंने उक्त परीक्षा में पेपर लीक के माध्यम से तथा साफ्टवेयर के माघ्यम से बाहर बैठे साल्वर के द्वारा प्रश्नों को हल कराकर परीक्षा में अनुचित लाभ लिया गया है, जिसके कारण उनकी मैरिट ऊपर हो गई है।
संदिग्ध अभ्यर्थियों से पूछताछ के बाद यह भी पता चला कि जेके पब्लिक स्कूल कनौसी, मानक नगर और महाबीर प्रसाद डिग्री कालेज में पावर द्वारा आयोजित विभिन्न परीक्षाओं में साफ्टवेयर के माध्यम से नकल कराकर अनुचित लाभ पहुंचाया गया है। गिरफ्तार ज्ञानेन्द्र सिंह, दीप मणि तथा संजय राजभर की निशानदेही पर कालेज की लैब से संदिग्ध कम्प्यूटर सीपीयू/लैपटाप बरामद किए गए। ज्ञानेन्द्र सिंह, दीपमणि यादव तथा संजय राजभर के मोबाइल फोन में साफ्टवेयर का आईडी/पासवर्ड पाया गया, जिसे बरामद किया गया है।
कुछ अभ्यर्थियों ने बताया कि उनको 11 फरवरी की सुबह आठ बजे होटल उमंग, बासमण्डी चौराहा लखनऊ में बुलाकर द्वितीय पाली का प्रश्न पत्र उत्तर सहित परिमिन्दर और उसके साथियोें द्वारा प्राप्त कराए गए। उत्तर सहित इस प्रश्न पत्र को इन अभ्यर्थियों द्वारा याद करने के लिए लगभग एक घण्टे का समय दिया गया, जिसके बाद अभ्यर्थी अपने-अपने सेण्टरों पर परीक्षा देने चले गए थे। पूछताछ के बाद एसटीएफ मुख्यालय पर इन लोगों को हिरासत में लिया गया। फरार परमिन्दर और उसके साथियों की तलाश की जा रही है।
परीक्षा संचालित कराने वाली संस्था एपटेक द्वारा दावा किया गया था कि उनकी परीक्षा प्लान फूल प्रूफ है और उसे आन लाईन हैक नहीं किया जा सकता है, जो गलत पाया गया। पावर कार्पाेरेशन की परीक्षा संचालन समिति एवं एपटेक की भूमिका संदेह के दायरे में है, जिसकी विवेचना की जा रही है। इस सिलसिले में गिरफ्तार आरोपियों के विरूद्ध साईबर क्राईम, एसटीएफ थाने में मामला दर्ज कराया गया है।