सबगुरु न्यूज-सिरोही। प्रदेश सरकार के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी के सिरोही जिले में विशेष प्रवास के दौरान पूर्व पदाधिकारियों ने भाजपा के जिला संगठन में व्याप्त अनियमितताओं और संगठन की रीति नीति के विपरीत हो रहे कार्यों पर अपना रोष जताया। पार्टी को फिर से सत्ता में लाने के लिए चुनाव से पहले संगठन के जिला नेतृत्व में परिवर्तन की मांग की है। हालांकि कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी संगठन में किसी तरह का विवाद होने की बात को पत्रकारों के सामने लगातार नकारते रहे।
आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदेश में अपना परचम फहराने के उद्देश्य से जमीनी हकीकत जानने प्रदेश संगठन के निर्देशानुसार सिरोही पहुंचे वरिष्ठ कद्दावर नेता मंत्री प्रभुलाल सैनी ने 3 दिनों में तीनों विधानसभाओं के पार्टी पदाधिकारियों से जिले में पार्टी की गति व संभावनाओं को टटोलने के बाद प्रवास के अंतिम दिन पूर्व पदाधिकारियों को बुलवाकर उनसे विस्तार से बातचीत की।
सैनी के निमंत्रण पर वरिष्ठ पार्टी नेताओं का एक शिष्टमंडल गुरुवार को सर्किट हाउस में उनसे मिला और वर्तमान जिला संगठन की कार्यशैली की वजह से उत्पन्न समस्याओं, विगत चार सालों में उपजे प्रकरण आदि का उल्लेख मंत्री के समक्ष किया।
संगठन के पूर्व पदाधिकारियों से हुई महत्वपूर्ण बैठक में सिरोही जिले के भाजपा के पूर्व पदाधिकारियों, पूर्व जनप्रतिनिधियों, नेताओं ने मंत्री के समक्ष आरोपों की झड़ी लगा दी। इन लोगों ने वर्तमान जिलाध्यक्ष एवं विधायकों की कार्यप्रणाली को संगठन के लिए घातक बताते हुए इन्हें कठघरे में खड़ा कर दिया।
सभी ने आगामी चुनावों के मद्देनजर संगठन में ऊर्जा का इस्तेमाल करने के लिए जल्दी बदलाव को जरूरी बताया। इन लोगों ने कार्यकर्ताओं में रोष होने से के बारे में मंत्री को जानकारी देते हुए जिले में भाजपा संगठन की कार्यप्रणाली और कार्यकर्ताओं की उपेक्षा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
इन लोगों ने बताया कि अदूरदर्शिता व बौद्धिक कौशल के अभाव में कई ऐसे विकासपरक कार्य प्राथमिकता में होने चाहिए थे और जो पिछले चुनाव में मुख्य मुद्दा बने थे वे काम आपसी तालमेल के अभाव में हो नहीं पाए एवं सरकारी विभागों में व्याप्त भ्रष्टाचार की वजह से उनकी भेंट चढ़ गए।
इस मौके पर पूर्व जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित, पूर्व जिला महामंत्री वीरेंद्रसिंह चौहान, पूर्व जिला महामंत्री दीपाराम पुरोहित, पिण्डवाड़ा पूर्व मंडल अध्यक्ष किरण राजपुरोहित, सिरोही शहर पूर्व मण्डल अध्यक्ष बाबूलाल सगरवंशी, पूर्व नगर अध्यक्ष धनपतसिंह राठौड, पूर्व प्रधान भंवरलाल मेघवाल, पूर्व मीडिया जिला संयोजक लोकेश खंडेलवाल, पूर्व भाजयुमो जिलाध्यक्ष योगेंद्र गोयल, पूर्व मंडल महामंत्री तुलसीराम पुरोहित, ईश्वरसिंह देवडा पालडी एम, पूर्व मंडल महामंत्री अरुण ओझा आदि ने पार्टी की जिले में स्थिति पर गहरी चिंता प्रकट की।
इन्होंने बताया कि सत्ता व संगठन में तालमेल नहीं होने से बार-बार पार्टी को बुरे परिणाम झेलने पड़े हैं। उपस्थित पार्टी नेताओं ने आरोपों में कहा कि अकुशल मीडिया प्रबंधन से भी आए दिन खबरों में पार्टी को जनता का उपहास झेलना पड़ता है। इन लोगों ने आरोप लगाया कि संगठन में जातिवाद हावी है और विचारधारा विहीन व्यक्तियों को दायित्व सौंपे गए हैं। इसमे भी अनुभव और पार्टी हितों को नजरअंदाज करके पसंद नापसंद को आधार बनाया गया।
सूत्रों के अनुसार मंत्री प्रभुलाल सैनी ने सभी बातों को जायज बताते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं के बूते पर ही कोई नेता और मंत्री बनते हैं अगर इनके ही कंधों को कमजोर किया गया तो यह अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने जैसा है। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता मान-सम्मान चाहता है और उसके छोटे मोटे काम हो जाए या उसकी बात तसल्ली से सुनी जाए। मंत्री ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि सरकार द्वारा इतना कुछ करने के बाद भी कार्यकर्ता के मन में नाराजगी है तो यह दुखद है। उन्होंने यहां तक कहा कि हम कांग्रेस से चुनाव नहीं हारते हैं हम अपनी गलतियों से ही चुनाव हारते हैं।
बैठक के दौरान जिले के पूर्व पदाधिकारियों ने बताया कि विगत 20 वर्षों के दौरान संपन्न विभिन्न चुनाव व पार्टी कार्यों में उपस्थित लोगों ने अहम किरदार निभाया है, लेकिन सत्ता आने के बाद जिले में अधिकतर पुराने वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की लगातार उपेक्षा कर उन्हें घर बैठा कर चापलूसों- दलालों की नई फौज खड़ी की गई। सभी ने पीड़ा व रोष व्यक्त करते हुए बताया कि विचारधारा विहीन नौसिखियों को संगठन में जिम्मेदारी देकर पार्टी की मूल अवधारणा और पंचनिष्ठा को हाशिए पर धकेल व्यक्तिवाद और जातिवाद को आगे बढाया गया।
जनता को गंदा पानी पिलाने के मुद्दे पर पार्टी कार्यकर्ताओं को मुकदमे झेलने पड़े, वही जिला कार्यालय के भूमि पूजन कार्यक्रम आदि से भी कार्यकर्ताओं को दूर रखा गया और इसके लिए आये एक करोड़ पैतीस लाख रुपयों की राशि को रगड़े मे पटक दिया। इन लोगों ने जिलाध्यक्ष पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि संगठन का इस्तेमाल कर उन्होंने पुत्र को जिला उप प्रमुख बनवाया और स्वयं की पत्नी को दुग्ध उत्पादन में प्रदेश स्तर पर सम्मानित कराया।
इनकी कार्यशैली का नमूना यह था कि भाजपा शासित बोर्ड जिला परिषद में कांग्रेस सदस्य के साथ जिलाध्यक्ष के पुत्र ने बैठक का बहिष्कार किया। इसी प्रकार एलएनटी कंपनी द्वारा सुरंग के बिना इस्तेमाल के अवैध वसूली को रोकने में नाकाम रहने,सभी नगर पालिका बोर्ड मे असन्तोष की घटनाएं घटने के आरोप लगाए। इन लोगों ने बताया कि सरकार से विभिन्न कमेटियों में अपने चहेतों को संगठन के माध्यम से फिट करवाया गया जिसमें वरिष्ठ कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कर उन्हें उपेक्षित, विस्मृत व तिरस्कृत कर पुरस्कृत करने का काम हुआ।
पार्टी पदों पर अकुशल व्यक्तियों के आने से अधिकारी उनकी सुनते नही। सोसियल मीडिया, वाट्सअप, एफबी और सेल्फी पर जोर देकर जनता के दुख तकलीफों से मुँह मोड़ा गया। मंत्री को बताया गया कि किसान, युवा, व्यापारी, महिला, दलित के अलावा पार्टी का कार्यकर्ता सभी वर्ग सरकार व संगठन मे जिले का नेतृत्व कर रहे इनकी भूमिका व कार्यशैली से संतुष्ट नहीं है।
आधारभूत सुविधाएं सड़क, चिकित्सा, बिजली, पानी, व कानून व्यवस्था आदि को लेकर समय-समय पर सवाल खड़े हुए हैं उनके स्थाई समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने की बजाय उन समस्याओं को ही तिल का ताड़ बना दिया। इन सभी स्थिति के बीच में पार्टी का आम कार्यकर्ता अपने आप को ठगा महसूस कर रहा है।
सैनी ने जिले में अपने प्रवास के दौरान सामने आई जानकारियों से अवगत करवाते हुए कहा कि आप जो कह रहे हैं वह बातें भी मेरे सामने आई है और आज वरिष्ठ लोग भी उन्हें जो समस्या बात रहे हैं, उसे वे स्वयं नोट कर रहै हैं। उन्होंने कहा कि ईसकी विस्तृत रिपोर्ट ऊपर जाएगी, उन्होंने सभी को भरोसा दिलाया कि सभी लोगों की बातों को कतई अनसुना नहीं किया जाएगा और इस पर अमल होगा।
मंत्री सैनी ने बैठक के दौरान सभी को एकजुट रहने की अपील कर कहा कि संगठन में स्थानीय स्तर पर जो कमिया बताई है उन्हें सुधारा जाएगा। इस मौके पर पूर्व जिला मंत्री भूराराम प्रजापत पिंडवाड़ा देहात मंडल महामंत्री भेराराम चौधरी, गोविंद पुरोहित, निंबाराम देवासी, कालंद्री इकाई अध्यक्ष मगनलाल प्रजापत लक्ष्मण पुरोहित मोहब्बत नगर किसान मोर्चा मंत्री महेंद्र प्रजापत आदि कई पूर्व पदाधिकारी मौजूद थे।