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प्रेमी युगल के हत्यारे चालक को मृत्यु दंड, तीन को उम्र कैद
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प्रेमी युगल के हत्यारे चालक को मृत्यु दंड, तीन को उम्र कैद

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प्रेमी युगल के हत्यारे चालक को मृत्यु दंड, तीन को उम्र कैद
Lover couple murder case : driver sentenced to death, three to life imprisonment by dehradun court
Lover couple murder case : driver sentenced to death, three to life imprisonment by dehradun court

देहरादून। उत्तराखंड में देहरादून जिले के चकराता में वर्ष 2014 में हुए बहुचर्चित प्रेमी युगल की हत्या मामले में शुक्रवार को स्थानीय अदालत ने मुख्य आरोपी राजू दास को दोषी करार देते हुए फांसी तथा उसके तीन अन्य साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुल्तान ने अपना फैसला सुनाया। दिल्ली से चकराता (देहरादून) घूमने आए प्रेमी जोड़े से लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने के मामले में अदालत ने 27 मार्च को चारों आरोपियों को दोषी करार दिया था।

उल्लेखनीय है कि अभिजीत पाल (26) निवासी कोलकाता (पश्चिम बंगाल) हाल-नई दिल्ली और मोमिता दास पुत्री मृणाल कृष्णादास निवासी लाडो सराय (नई दिल्ली) 22 अक्टूबर 2014 को दीपावली की छुट्टियों में चकराता आए थे।

मगर, इसके अगले ही दिन टाइगर फॉल घूमने के बाद दोनों लापता हो गए। मोमिता के घरवालों ने 23 अक्टूबर को उसे फोन लगाया तो संपर्क नहीं हो पाया। इसके बाद उन्होंने नयी दिल्ली के लाडो सराय थाने में मोमिता की गुमशुदगी दर्ज करवा दी।

पुलिस जांच में मोमिता के फोन की आखिरी लोकेशन चकराता मिली और ईएमआई नंबर खंगालने पर उसके मोबाइल में राजूदास के नाम का सिम भी मिला। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विकासनगर और चकराता पुलिस को साथ लेकर राजूदास की तलाश शुरू की। इस दौरान अभिजीत के चचेरे भाई जोयंता पाल और मोमिता के भाई अमिताभ दास भी पुलिस के साथ रहे।

पुलिस ने राजूदास को लाखामंडल, चकराता और टाइगर फॉल में तलाशा। आखिरकार पुलिस राजूदास को जीप के साथ गिरफ्तार करने में सफल रही। कड़ी पूछताछ में राजूदास ने स्वीकारा कि उसने गुड्डू, बबलू और कुंदनदास के साथ मिलकर प्रेमी जोड़े की हत्या की है। इसके बाद आरोपियों की निशानदेही पर मोमिता का फोन, पर्स और कपड़े पुलिस ने बरामद किए गए।

शवों की खोजबीन के दौरान नौगांव से दो किमी दूर यमुना नदी किनारे से पुलिस को एक शव मिला। जोयंता पाल ने इसकी शिनाख्त अभिजीत के रूप में की। इसके 21 दिन बाद ही मोमिता दास का भी सड़ा गला शव डामटा के पास यमुना किनारे बरामद हो गया।

फिर पुलिस ने चारों आरोपियों के खिलाफ अदालत में चार्जशीट दाखिल की। तब से यह मामला अदालत में चल रहा था। इस मामले में 43 में से बीस गवाहों ने अपने बयान दिए।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता और अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता गुरुप्रसाद रतूड़ी और सहायक शासकीय अधिवक्ता नरेश बहुगुणा की ओर से पेश साक्ष्यों के बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने आरोपियों को लूट, हत्या और साक्ष्य छुपाने का दोषी करार दिया, जबकि दुराचार के आरोप से सभी को बरी कर दिया। अदालत ने आज मुख्य आरोपी राजू दास को फांसी की सजा सुनाई है। जबकि बाकी तीनों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई है।