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कल से लागु वित्त वर्ष 2018-19 में होगी कई नई वित्तीय योजनाए
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एक अप्रेल से हो रहे कई बदलाव, हर शख्स होगा प्रभावित

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एक अप्रेल से हो रहे कई बदलाव, हर शख्स होगा प्रभावित
Many new financial plans implemented from tomorrow 2018-19
Many new financial plans implemented from tomorrow 2018-19
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नई दिल्ली। एक अप्रेल यानी रविवार से शुरू हो रहे वित्त वर्ष 2018-19 के साथ ही सरकार द्वारा किए गए कई बदलाव लागू हो रहे हैं जिनका असर लगभग हर व्यक्ति पर पड़ेगा।

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2018-19 के बजट में कई तरह के बदलाव किए हैं और इसके साथ ही आयकर कानून में भी कुछ बदलाव हुए हैं। साथ ही वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़ा ई वे बिल भी रविवार से लागू होने जा रहा है जो एक राज्य से दूसरे राज्य में 50 हजार रुपए से अधिक के माल पर ढुलाई पर लगेगा।

सरकार ने बजट में 14 वर्षाें के बाद शेयरों की बिक्री से एक लाख रुपए से अधिक के पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत कर (एलटीसीजी) लगाने का प्रस्ताव किया था। अभी एक साल के भीतर शेयर बिक्री से होने वाले लाभ पर 15 प्रतिशत कर लगता है।

कारपोरेट कर को कम करने के अपने वादे के मुताबिक जेटली ने इस वर्ष के बजट में 250 करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली कंपनियों के लिए कर की दर कम कर 25 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया था। इसके दायरे में 99 प्रतिशत कंपनियां आती हैं।

सरकार ने आयकर और उसके स्लैब को यथावत रखते हुए वेतन भोगियों और पेंशन भोगियों के लिए 40,000 रुपए का मानक छूट देने की घोषणा की है। इसके बदले 19,200 रुपये के परिवहन भत्ता और 15,000 रुपए तक के चिकित्सा व्यय पर मिल रही छूट समाप्त कर दी गई है। आयकर पर 3 प्रतिशत की जगह 4 प्रतिशत स्वास्थ्य एवं शिक्षा उपकर लगेगा। इक्विटी म्यूचुअल फंड कम्पनी निवेशक को लाभांश देते समय उसपर 10 प्रतिशत कर लगेगा। कर जमा करने की जिम्मेदारी निवेशक की नहीं होगी।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर मुक्त ब्याज आय की सीमा पांच गुना बढ़ाकर 50,000 रुपए सालाना कर दी गई है। इसी तरह आयकर कानून की धारा 80 डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर किए गए भुगतान और चिकित्सा व्यय पर कर कटौती की सीमा भी 30,000 रुपए से बढ़ाकर 50,000 रुपए कर दी गई है।

प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में निवेश सीमा 7.5 लाख रुपए से बढ़कर 15 लाख रुपए हो गई है। इक्तीस मार्च 2020 तक इसमें जमा पर 8 प्रतिशत सुनिश्चित ब्याज मिलेगा। वरिष्ठ नागरिकों के इलाज के लिए एक लाख रुपए तक के खर्च पर कर छूट मिलेगी।

जीएसटी लागू होने के बावजूद सीमा शुल्क में होने वाले बदलाव की वजह से कुछ वस्तुओं की कीमतों में घटबढ़ भी हो रही है। कल से कई उत्पाद महंगें हो जाएंगे। सीमा शुल्क बढ़ने के कारण मोबाइल और टीवी जैसे उत्पाद महंगे हो जाएंगे। हालांकि टीवी पैनल के सबसे महत्वपूर्ण पार्ट ‘ओपन सेल’ पर बजट में घोषित 10 प्रतिशत ड्यूटी को घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है जिससे थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। इसके साथ ही सिगरेट, सिगरेट लाइटर, पान मसाला, जर्दा, सिगार और खैनी के दाम भी बढ़ जाएंगे।

सरकार ने बजट में रेलवे ई-टिकट पर सेवा कर घटाने की घोषणा की थी। रेलवे में ऑनलाइन टिकट बुकिंग एक अप्रेल से सस्‍ती हो जाएंगी। इसके अतिरिक्त ऑनलाइन लेनदेन को बढ़ावा देने के मद्देनजर एक अप्रेल से प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनें सस्ती हो जाएंगी।

चमड़े के फुटवियर, चमड़े के उत्पाद, परफ्यूम, आफ्टर शेव, डियोडरेंट्स, रूम फ्रैशनर, स्मार्ट वॉच, फुटवियर और धूप के चश्मे भी महंगें हो जाएंगे। आरओ, देश में तैयार हीरे, जीवनरक्षक दवाएं, नमक, माचिस, एलईडी, एचआईवी की दवा और सिल्वर फॉइल की कीमतें कम हो सकती है।